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Gandhi Jayanti: बापू के जीवन से माता-पिता अपने बच्चों को सिखा सकते हैं ये बड़ी बातें, जीवन में होगा बहुत लाभ

Gandhi Jayanti 2022 महात्मा गांधी जी बड़े सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। उनके पास जो कुछ भी था उससे संतुष्ट और उत्साहित थे। महात्मा गांधी का आदर्श वाक्य सादा जीवन उच्च विचार था। महात्मा गांधी के जीवन से माता-पिता बच्चों को बहुत कुछ सिखा सकते हैं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 01 Oct 2022 03:11 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 03:11 PM (IST)
Gandhi Jayanti: बापू के जीवन से माता-पिता अपने बच्चों को सिखा सकते हैं ये बड़ी बातें, जीवन में होगा बहुत लाभ
दो अक्टूबर को मनाई जाती है गांधी जयंती

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Gandhi Jayanti 2022 : महात्मा गांधी का जन्मदिन 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था। महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता और बापू के नाम से जाना जाता है। रविवार (2 अक्टूबर, 2022) को महात्मा गांधी की जयंती है। महात्मा गांधी के विचार और उनकी लिखी हुईं किताबें लोगों के जीवन में खासा असर डालती हैं। महात्मा गांधी के विचार अहिंसा, न्याय, शांति और दया समेत कई भावनाओं को प्रेरित करते हैं। महात्मा गांधी के इन विचारों से आज के बच्चे लाभान्वित हो सकते हैं। माता-पिता अपने बच्चों को महात्मा गांधी से बहुत कुछ सिखा सकते हैं।

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'सादा जीवन, उच्च विचार' महात्मा गांधी का आदर्श वाक्य

महात्मा गांधी जी बड़े सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। उनके पास जो कुछ भी था उससे संतुष्ट और उत्साहित थे। माता-पिता को अपने बच्चों को इस तथ्य पर जोर देना चाहिए कि मानवीय संबंध और रिश्ते अक्सर हमारी सबसे बड़ी खुशी का परिणाम होते हैं। इसलिए उन्हें सबसे ऊपर महत्व दिया जाना चाहिए। महात्मा गांधी का आदर्श वाक्य 'सादा जीवन, उच्च विचार' था।

बच्चों में ला सकते हैं अहिंसा के विचार

वहीं, महात्मा गांधी का हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण संदेश अहिंसा के मार्ग पर चलना है। महात्मा गांधी के अनुसार अहिंसा, दया और सहानुभूति का इस्तेमाल लड़ाई और यहां तक ​​कि युद्ध जीतने के लिए भी किया जा सकता है। हमें महात्मा गांधी के जीवन से चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच संयम, ईमानदारी और दया बनाए रखने का सबक मिलता है। इससे हम अपने बच्चों में अहिंसा के विचार ला सकते हैं कि हर परिस्थिति में प्रतिक्रिया की आवश्यकता नहीं होती है।

सत्य की शक्ति में बापू करते थे विश्वास

बापू हमेशा सत्य की शक्ति में विश्वास करते थे। वहीं, आज के दौर में बच्चे अक्सर झूठ बोलते हैं। बच्चों को हमेशा अपनी गलतियों को स्वीकार करना सिखाना चाहिए। साथ ही माता-पिता को अपने बच्चों को यह भी बताना चाहिए की सच बोलने के लिए तैयार रहकर रिश्तों को फिर से बेहतर बनाया जा सकता है।

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