कोरोना की उत्पत्ति का पता लगाएं सभी देश व कसूरवार को अंतरराष्ट्रीय मंच पर किया जाए दंडित, संसदीय पैनल का सुझाव
राज्यसभा में पेश की गई रिपोर्ट वैक्सीन डेवलपमेंट डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट एंड मिटिगेशन आफ पैंडेमिक कोविड-19 में कहा गया है कि कोरोना की उत्पत्ति के अब तक पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं इसलिए दूसरे देशों से सरकार इसके लिए अपील करे।

नई दिल्ली, प्रेट्र। संसदीय पैनल ने सरकार को सुझाव दिया है कि सरकार दुनिया के अन्य देशों से अपील करे कि वे घातक कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाएं और कसूरवार को अंतरराष्ट्रीय मंच पर दंडित किया जाए। स्वास्थ्य पर संसदीय स्थायी समिति ने एक रिपोर्ट जारी किया। इसका टाइटल 'वैक्सीन डेवलपमेंट, डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट एंड मिटिगेशन आफ पैंडेमिक कोविड-19' है। इसमें कहा गया है कि कोरोना की उत्पत्ति को लेकर अब तक पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं कि कोरोना वायरस लैब से लीक होकर मनुष्यों तक पहुंचा या किसी और जरिए से। सोमवार को यह रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की गई।
अब तक कोरोना की उत्पत्ति का पुख्ता प्रमाण नहीं
यदि कोरोना वायरस की उत्पत्ति रहस्य ही रहने दिया गया तब इसका दुनिया के बायोसेफ्टी व बायोसिक्योरिटी पर व्यापक असर होगा जिसका बुरा नतीजा भुगतना पड़ेगा। इसमें कहा गया, 'इसे देखते हुए समिति की ओर से सरकार को सुझाव दिया गया है कि यह अपनी ओर से देशों के समूह से अपील करे।' साथ ही इसमें कोविड-19 की उत्पत्ति की पहचान करने के बाद कसूरवार को अंतरराष्ट्रीय मंच पर दंडित करने की भी सलाह दी गई है।
कहां से आया कोरोना वायरस, पता लगाने के लिए मेकैनिज्म की हो व्यवस्था
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि नए वायरसों की उत्पत्ति का आंकड़ा बढ़ रहा है जिससे इस वायरस की उत्पत्ति और इसके ट्रांसमिशन की पड़ताल के लिए मजबूत तंत्र की जरूरत है। इसमें यह सलाह दी गई है कि मंत्रालय ने देश में हेल्थकेयर फ्रेमवर्क विकसित किया है जिससे भविष्य में इस बीमारी के आउटब्रेक व मैनेजिंग की रोकथाम के लिए असरदार कदम उठाया जा सके।
पैनल ने बताया, 'इस मामले में समिति का पूरा विश्वास है कि नीति आयोग के सदस्य डा. वीके पाल की अगुवाई वाली हाल में गठित टास्क फोर्स टीम मंकीपाक्स के हालातों की ट्रैकिंग करेंगी और देश में इसके डायग्नोस्टिक सुविधाओं व इसके प्रबंधन के बारे में सरकार को बताएगी।' समिति ने इस बात का उल्लेख किया कि देश में कोरोना के अधिक आंकड़ों के मद्देनजर सैंपल का आंकड़ा काफी कम है।
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