मध्य प्रदेश में पन्ना टाइगर रिजर्व को यूनेस्को से मिला बायोस्फीयर रिजर्व का दर्जा, जावडेकर ने दी बधाई
पन्ना टाइगर रिजर्व को यूनेस्को की वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिजर्व्स सूची में शामिल किया गया है। यह भारत का 12वां और मध्य प्रदेश के पचमढ़ी और अमरकंटक के बाद तीसरा बायोस्फीयर रिजर्व (जैव आरक्षित क्षेत्र) है। पन्ना टाइगर रिजर्व 56 बाघों का घर है।
राकेश शर्मा, पन्ना। मध्य प्रदेश में पन्ना टाइगर रिजर्व को यूनेस्को की 'वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिजर्व्स' सूची में शामिल किया गया है। यह भारत का 12वां और मध्य प्रदेश के पचमढ़ी और अमरकंटक के बाद तीसरा बायोस्फीयर रिजर्व (जैव आरक्षित क्षेत्र) है, जिसे 'वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिजर्व्स' में शामिल किया गया है। वर्तमान में पन्ना टाइगर रिजर्व 56 बाघों का घर है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने दी बधाई
मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व को मिली इस अंतरराष्ट्रीय पहचान तथा उसकी उपलब्धियों पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने प्रसन्नता जाहिर की है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर जानकारी देते हुए पन्ना टाइगर रिजर्व को बधाई दी है।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को मिला देश का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय उद्यान के रूप में उत्कृष्टता का पुरस्कार
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिलों की सीमा में स्थित है। 1981 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में घोषित किए गए इस उद्यान का क्षेत्रफल 542.67 वर्ग किलोमीटर है। इसे 25 अगस्त 2011 को बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में नामित किया गया था। 2007 में भारत के पर्यटन मंत्रालय द्वारा भारत के सर्वश्रेष्ठ रखरखाव वाले राष्ट्रीय उद्यान के रूप में उत्कृष्टता का पुरस्कार दिया गया था। केन नदी इस राष्ट्रीय उद्यान का मुख्य आकर्षण है।
पन्ना टाइगर रिजर्व को मिली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान
ये बायोस्फीयर भंडार भौगोलिक रूप से जीव जंतुओं के प्राकृतिक आवास की रक्षा करते हैं। पन्ना टाइगर रिजर्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। इससे टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक मजबूती आएगी। साथ ही बफर जोन का जंगल बेहतर होगा। यहां एक हजार स्क्वेयर किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र में बफर जोन है, जो आने वाले समय में टाइगरों के विचरण-आवास का विकल्प होगा। इसके अलावा लोगों में जागरूकता बढ़ेगी, जिससे शिकार जैसी घटनाओं पर पूर्णत: विराम लगेगा।