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    गोलगप्पे बेचने वाले को GST विभाग ने भेजा नोटिस, लाखों में है सालाना कमाई

    Updated: Sat, 04 Jan 2025 04:06 PM (IST)

    तमिलनाडु के एक पानीपुरी विक्रेता की सैलरी ने सबको हैरान कर दिया। खासकर इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब पानीपुरी विक्रेता को वस्तु एवं सेवा कर (GST) नोटिस भेजा गया है। 17 दिसंबर 2024 को जारी एक समन का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसे तमिलनाडु माल एवं सेवा कर अधिनियम और केंद्रीय जीएसटी अधिनियम की धारा 70 के प्रावधानों के तहत जारी किया गया था।

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    गोलगप्पे बेचने वाले को GST विभाग का नोटिस (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के एक पानीपुरी विक्रेता की सैलरी ने सबको हैरान कर दिया। खासकर इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब पानीपुरी विक्रेता को वस्तु एवं सेवा कर (GST) नोटिस भेजा गया है। इसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

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    17 दिसंबर, 2024 को जारी एक समन का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसे तमिलनाडु माल एवं सेवा कर अधिनियम और केंद्रीय जीएसटी अधिनियम की धारा 70 के प्रावधानों के तहत जारी किया गया था। इसमें गोलगप्पे बेचने वाले को निजी रूप से उपस्थित होने और डॉक्यूमेंट पेश करने के लिए कहा गया है।

    समन में क्या कहा गया?

    रिपोर्ट में दिखाए गए समन में पानी पूरी बेचने वाले को कहा गया है, 'रेजरपे और फोनपे से मिली रिपोर्टों के आधार पर, आपको गुड्स या सर्विसेज की बाहरी सप्लाई के लिए यूपीआई पेमेंट हासिल हुए हैं और साल 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के लिए मिले पेमेंट नीचे दिए गए हैं। इसमें 2023-24 में आपको 40 लाख रुपये मिले हुए दिखाए गए हैं।

    यूजर्स ने दिए ऐसे रिएक्शन

    सोशल मीडिया पर यूजर्स ने अनुमान लगाया कि कर-चोरी नोटिस स्ट्रीट फूड व्यवसायों को विकल्प के रूप में ऑनलाइन भुगतान करने से हतोत्साहित करेगा। इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने टिप्पणी की, एक यूजर ने लिखा, सालाना आय 40 लाख रुपये औसत इंजीनियर या प्रोफेसर की आय से अधिक था।

    एक एक्स यूजर ने कहा..'40 लाख रुपये की रकम उसे हासिल हुई है और यह उसकी इनकम हो भी सकती है और नहीं भी।

    कचौड़ी बेचने वाले पर भी लगा था आरोप

    वहीं इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में मसालेदार कचौड़ी बेचने वाले एक स्ट्रीट वेंडर पर सालाना 60 लाख रुपये कमाने और कर चोरी करने के आरोप में जीएसटी विभाग ने छापा मारा था। वरिष्ठ कर अधिकारियों ने सड़क किनारे लगे स्टॉलों पर जीएसटी पंजीकरण के बिना नकद लेनदेन करके बड़े पैमाने पर कर चोरी करने का आरोप लगाया है।

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