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    1947 से अब तक..., भारत के खिलाफ आतंकवाद को राज्य नीति के रूप में इस्तेमाल कर रहा पाकिस्तान; पढ़िए रिपोर्ट

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 03:47 PM (IST)

    भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का मुख्य कारण आतंकवाद है। नैटस्ट्रैट की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने 1947 से ही भारत के खिलाफ आतंकवाद को राज्य नीति के रूप में इस्तेमाल किया है। पाकिस्तानी सेना और आईएसआई का हर बड़े हमले में सीधा हाथ रहा है। 

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    पाकिस्तान का आतंकवाद (सांकेतिक फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच जारी विवाद का सबसे बड़ा कारण आतंकवाद है। 26/11 मुंबई हमलों की 17वीं बरसी की पूर्व संध्या पर रणनीतिक अध्ययन केंद्र नैटस्ट्रैट एक ऐतिहासिक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान आजादी के बाद से ही भारत के खिलाफ आतंकवाद को राज्य नीति के रूप में इस्तेमाल किया है।

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    दरअसल, 26/11 मुंबई हमलों की 17वीं बरसी से जुड़े कार्यक्रम के दौरान थिंक टैंक NatStrat ने बुधवार को ‘Chronology of Pakistani Terror Attacks on India 1947 से 2025’ नाम की रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी ISI ने 78 सालों से भारत के खिलाफ आतंकवाद को एक हथियार की तरह प्रयोग किया है।

    भारत पर पाकिस्तानी आतंकवादी हमलों का कालक्रम (1947-2025)

    रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने कश्मीर पर 1947 के कबायली हमले से लेकर 2025 के पहलगाम आतंकी हमले तक, हर बड़े हमले के पीछे सीधा हाथ रहा है। यह कोई छोटी-मोटी घटनाएं नहीं, बल्कि एक सुनियोजित और निरंतर रणनीति का हिस्सा हैं।

    78 साल से एक पैटर्न

    रिपोर्ट के संयोजक और भारत के पूर्व उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार राजदूत पंकज सरन ने कहा, "यह पैटर्न 78 साल से एक समान है। भारत को कमजोर करने के लिए गैर-सैन्य, छद्म तरीकों का लगातार इस्तेमाल। यह इतिहास नई पीढ़ी को भूलना नहीं चाहिए।"

    भारत ने मजबूत किया सैन्य ताकत

    बता दें कि नैटस्ट्रैट ने यह दस्तावेज उन हजारों भारतीयों को श्रद्धांजलि के रूप में पेश किया है, जिन्होंने पाक प्रायोजित आतंकवाद में अपनी जान गंवाई। साथ ही यह चेतावनी भी है कि पाकिस्तान का यह छद्म युद्ध आज भी जारी है। भारत ने इन हमलों के बावजूद अपनी खुफिया, कूटनीतिक और सैन्य ताकत को लगातार मजबूत किया है। इसके साथ ही दुनिया के सामने पाकिस्तान को आतंकवाद की जननी के रूप में बेनकाब किया है।

    पूर्व उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार राजदूत पंकज सरन ने कहा, "जब हमने नैटस्ट्रैट में भारत में आतंकवाद के स्रोतों का विश्लेषण करने पर काम शुरू किया, तो हमें एहसास हुआ कि हम पाकिस्तानी व्यवहार के एक ऐसे पैटर्न को देख रहे थे जो 1947 से लगातार जारी है - जो कि अस्वीकार्यता और छल-कपट पर आधारित गैर-सैन्य साधनों के माध्यम से भारत को चोट पहुंचाने और नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया था।"