पाकिस्तान ने कब-कब तोड़ा सीजफायर? पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी नहीं रुका, भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तानी फौज ने संघर्षविराम का कई बार उल्लंघन किया है। फरवरी 2021 में हुए समझौते के बाद से अब तक सीमा पर शांति थी लेकिन हालिया घटनाओं ने फिर तनाव बढ़ा दिया है। भारतीय सेना ने बारामुला कुपवाड़ा और पुंछ समेत कई जगहों पर जवाबी कार्रवाई की है। सुरक्षा एजेंसियां हालात पर करीबी निगरानी रख रही हैं।
जतिन गांधी, जागरण, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए बर्बर दहशतगर्दी हमले के बाद से पाकिस्तानी फौज ने कई मर्तबा संघर्षविराम (India Pakistan Ceasefire) समझौते का उल्लंघन किया है। यह वही समझौता है जिसे फरवरी 2021 में दोबारा अमल में लाया गया था और जिसने उल्लंघनों की तादाद में काफी कमी ला दी थी।
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पिछले बुधवार को हुए आतंकी हमले के बाद अब तक पाकिस्तानी फौज की तरफ से 12 मर्तबा बिला उकसावे फायरिंग की गई है।
अब तक, साल 2025 में पहलगाम हमले से पहले केवल दो संघर्षविराम उल्लंघन दर्ज किए गए थे। मगर आज सुबह तक यह संख्या बढ़कर 14 हो गई। सेना के सूत्रों ने बताया कि 2021 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) और नियंत्रण रेखा (LoC) पर फायरिंग की घटनाएं लगभग ना के बराबर हो गई थीं। भारतीय सेना के रिकॉर्ड के मुताबिक़, 2022 से 2024 के तीन वर्षों में मिलाकर केवल चार उल्लंघन दर्ज हुए।
2021 से पहले हर साल बढ़ती जा रही थी संघर्षविराम उल्लंघनों की संख्या
2022 में संघर्षविराम का एक उल्लंघन हुआ, 2023 में कोई नहीं और 2024 में दो घटनाएं सामने आईं। 2021 के शुरुआती महीनों में हालात अलग थे। उस साल जनवरी से जून के बीच कुल 664 उल्लंघन दर्ज हुए थे, जिनमें से ज्यादातर फरवरी के समझौते से पहले के थे। जनवरी 2021 में 380 और फरवरी में 278 संघर्षविराम उल्लंघन रिकॉर्ड किए गए थे, जो 740 किलोमीटर लंबी एलओसी के अलग-अलग हिस्सों पर हुए।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि समझौते के बाद के चार महीनों में महज छह उल्लंघन दर्ज किए गए। उस वक्त एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि 25 फरवरी 2021 को भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच तयशुदा बातचीत के बाद, एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें दोनों देशों ने ‘एलओसी और दूसरे तमाम सेक्टरों पर संघर्षविराम के सख़्त पालन’ की बात कही थी।
2018 से 2020 तक लगातार बढ़ी थी फायरिंग की घटनाएं
गृह राज्य मंत्री के जवाब में यह भी सामने आया कि कई बार संघर्षविराम का उल्लंघन हुआ था।
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साल 2018- सीजफायर उल्लघंन 2140 बार
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साल 2019- सीजफायर उल्लघंन 3479 बार
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साल 2020- सीजफायर उल्लघंन 5133 बार
एक रक्षा सूत्र ने बताया कि अगर एक पोस्ट पर छोटे हथियारों या भारी तोपखाने से 25 से ज़्यादा राउंड फायर होते हैं, तो उसे एक संघर्षविराम उल्लंघन माना जाता है।
रविवार रात को बारामुला, कुपवाड़ा और पुंछ जिलों में संघर्षविराम उल्लंघन दर्ज किए गए, जो इस बात का इशारा करते हैं कि अब ये घटनाएं उत्तर कश्मीर से जम्मू रीजन तक फैलने लगी हैं। भारतीय फौज ने भी अज्ञात स्थानों से जवाबी कार्रवाई की। इससे पहले, 1 अप्रैल को पुंछ जिले में एक माइन विस्फोट के बाद पाकिस्तानी फौज ने बिना वजह फायरिंग की थी।
भारतीय सेना ने कई मोर्चों पर दिया मुंहतोड़ जवाब
पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेनाओं ने उरी, तंगधार और गुरेज सेक्टर में भी पाकिस्तानी फायरिंग का जवाब दिया है। रविवार रात जिन जिलों में संघर्षविराम उल्लंघन हुआ, वहां भी भारतीय सेना ने जोरदार जवाबी कार्रवाई की है।
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