'भारत पर और हमले की तैयारी में थे आतंकी', विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दिया बड़ा अपडेट, बोले-कई देशों के साथ...
पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी भारत के भीतर और हमले की तैयारी में है। यह जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बुधवार को सुबह आपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दी। उन्होंने कहा- खुफिया निगरानी ने यह संकेत दिया है कि भारत के विरुद्ध आगे भी हमले हो सकते हैं अतः इनको और उनसे निपटना बेहद आवश्यक समझा गया है।”
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई मंगलवार देर रात करने के पीछे एक वजह यह भी था कि भारत को इस बात की ठोस खुफिया जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी भारत के भीतर और हमले की तैयारी में है। यह जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बुधवार को सुबह आपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दी।
मिसरी ने कहा कि, “भारत ने आज सुबह सीमा पार हमलों का जवाब देने, उनका प्रतिरोध करने व रोकने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है। यह नपी-तुली, अनुपातिक व जिम्मेदारीपूर्ण है। यह आतंक की इंफ्रास्ट्रक्चर को समाप्त क रने र भारत में भेजे जाने वाले संभावित आतंकवादियों को अक्षम बनाने के लिए की गई है। हमारी खुफिया निगरानी ने यह संकेत दिया है कि भारत के विरुद्ध आगे भी हमले हो सकते हैं अतः इनको और उनसे निपटना बेहद आवश्यक समझा गया है।”
'भारत ने कई देशों के साथ साधा संपर्क'
उधर, विदेश मंत्रालय की तरफ से जानकारी मिली है कि आपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के साथ ही भारत ने दुनिया के कई देशों के साथ संपर्क साधा है और इस कार्रवाई के पीछे की आवश्यकता के बारे में अपना पक्ष रखा है। भारत ने खास तौर पर अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, सऊदी अरब और यूएई की सरकारों को आपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी है।
हमला मंगलवार रात्रि पहल में 1.30 बजे हुआ और उसके कुछ ही घंटे बार एनएसए डोभाल ने सबसे पहले अमेरिका के एनएसए व विदेश मंत्री से अलग अलग बात की। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान भी आया कि उन्हें भारत की तरफ से किये गये हमले की जानकारी मिली है।
आतंकवाद को पनाह देता था पाकिस्तान
बहरहाल, प्रेस कांफ्रेंस में विदेश सचिव मिसरी ने विस्तार से पहलगाम हमले के पीछे की पाकिस्तान की साजिश और इसके बाद भारत की रणनीति के बारे में बयान दिया। मिसरी ने कहा कि पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाला संगठन द रेसिसटेंस फोर्स (टीआरएफ) संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आंतकवादी घोषित संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही मुखौटा है। भारत ने मई और नवंबर, 2024 में आतंकवादी गतिविधियों की निगरानी करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष समिति को टीआरएफ के बारे में जानकारी दी थी। इसमे बताया गया था कि पाकिस्तान पोषिद आतंकवादी संगठनों के मुखौटे के तौर पर यह काम कर रहा है।
UN की लिस्ट से TRF को हटाना चाहता था पाकिस्तान
इसके पहले भी भारत ने दिसंबर, 2023 में यूएन को बताया था कि कैसे लश्कर और जैश जैसे आतंकवादी संगठन टीआरएफ जैसे छोटे आतंकी संगठनों के जरिए अपना काम कर रहे हैं। यह इस बात से भी साबित होता है कि पाकिस्तान ने अप्रैल, 2025 में यूएन की सूची से टीआरएफ को हटाने के लिए दबाव बनाया था। पाकिस्तान पहले से ही आतंकवादी संगठनों को पनाह देने वाले देश के तौर पर चिन्हित है। दूसरी तरफ पाकिस्तान विश्व बिरादरी और वैश्विक संगठनों को इस बारे में गुमराह करता है।
संयुक्त राष्ट्र ने की थी पहलगाम हमले की निंदा
मिसरी ने साजिद मीर का उदाहरण दिया कि कैसे पाकिस्तान सरकार ने पहले उसके मारे जाने की सूचना दी लेकिन जब अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा तो उसको गिरफ्तार भी कर लिया। विदेश सचिव ने आगे कहा कि, “पहलगाम हमले के बाद जम्मू व कश्मीर और पूरे देश में बहुत ज्यादा गुस्सा देखा गया है। वैसे भारत सरकार ने 23 अप्रैल को कुछ कदम उठाये थे लेकिन यह जरूरी समझा गया कि 22 अप्रैल के घटना को अंजाम देने वालों और उनके समर्थकों पर न्यायसंगत कार्रवाई हो।
हमले के एक पखवाड़े बीत जाने के बावजूद पाकिस्तान की तरफ से अपने भौगोलिक क्षेत्र में छिपे आतंकियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उल्टा वह दूसरों पर आरोप लगाने और उक्त घटना से इनकार करता रहा।''
विदेश सचिव मिसरी ने आपरेशन सिंदूर को संयुक्त राष्ट्र की तरफ से 25 अप्रैल, 2025 को जारी प्रेस विज्ञप्ति के संदर्भ में देखने की भी बात कही। पहलगाम हमले की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि, इस हमले के साजिशकर्ताओं, उनको संगठित करने वालों, वित्त सुविधा देने वालों और प्रवर्तकों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उन पर न्यायोचित कार्रवाई होनी चाहिए।
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