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पाकिस्तान को लगा करारा झटका, कश्मीर में दुबई करेगा निवेश, पड़ोसी देश के पूर्व राजदूत ने भारत की बड़ी जीत बताया

जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदातों पर लगाम लगाने के लिए मनोज सिन्हा प्रशासन ने जहां सुरक्षा बढ़ा दी है वहीं आतंकियों पर अंकुश के लिए सेना लगातार अभियान चला रही है। आतंकियों के जरिये कश्मीर में अशांति फैलाने की नापाक पड़ोसी पाकिस्तान की कोशिश कामयाब होती नहीं दिख रही है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 10:23 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 10:34 PM (IST)
पाकिस्तान को लगा करारा झटका, कश्मीर में दुबई करेगा निवेश, पड़ोसी देश के पूर्व राजदूत ने भारत की बड़ी जीत बताया
कश्मीर में दुबई के निवेश से पाकिस्तान परेशान

नई दिल्ली, आइएएनएस। जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदातों पर लगाम लगाने के लिए मनोज सिन्हा प्रशासन ने जहां सुरक्षा बढ़ा दी है, वहीं आतंकियों पर अंकुश के लिए सेना लगातार अभियान चला रही है। आतंकियों के जरिये भारत, खासकर कश्मीर में अशांति फैलाने की नापाक पड़ोसी पाकिस्तान की कोशिश कामयाब होती नहीं दिख रही है। इस बीच उसे एक और करारा झटका तब लगा, जब दुबई सरकार ने कश्मीर में निवेश के लिए हाथ बढ़ाया। मध्य पूर्व के सबसे महत्वपूर्ण शहरों में शुमार दुबई बड़े स्तर पर जम्मू और कश्मीर में निवेश करने जा रहा है। इस बारे में केंद्र सरकार ने बताया कि दुबई ने जम्मू-कश्मीर में इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

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दुबई सरकार का कश्मीर में निवेश के लिए राजी होना पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका इसलिए भी है, क्योंकि इस समय घाटी में गैर मुसलमानों और प्रवासी मजदूरों की हत्या के जरिये आतंकवादी भय का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में दुबई सरकार के कश्मीर में निवेश के लिए राजी होने से पाकिस्तान की मुहिम कुंद होती दिखने लगी है।

भारत में पाकिस्तान के राजदूत रहे बासित ने समझौते को भारत की बड़ी जीत करार दिया

भारत में पाकिस्तान के राजदूत रहे अब्दुल बासित के इस बयान से पाकिस्तान की परेशानी साफ महसूस की जा सकती है। पूर्व राजदूत बासित ने कहा, 'साफ है कि पाकिस्तान के हाथों से मुद्दा फिसलता जा रहा है। हम अंधेरे में कुछ टटोलने की कोशिश कर रहे हैं। हमें लगता है कि कश्मीर नीति रह ही नहीं गई है। यह दुखद है। मौजूदा सरकार का लापरवाह रवैया उसे परेशान करेगा। पिछली सरकार ने भी कश्मीर पर पाकिस्तान की नीति को कमजोर किया है। यह समझौता पाकिस्तान व जम्मू-कश्मीर दोनों अर्थों में भारत की बड़ी जीत है। मुस्लिम देशों के संगठन आइओसी ने हमेशा कश्मीर पर पाकिस्तान की संवेदनाओं को वरीयता दी है।'


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