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    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी नहीं सुधरा पाकिस्तान, तबाह हुए आतंकी लॉन्चपैड्स को फिर बनाने में जुटा पड़ोसी मुल्क

    Updated: Sat, 28 Jun 2025 04:03 PM (IST)

    7 मई 2025 की रात को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके अंदर घुसकर आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला करके इन्हें तबाह कर दिया था। इनमें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने भी शामिल थे लेकिन अब पाकिस्तानी सेना इन ठिकानों को फिर से ठीक कराने में लग गई है।

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    ऑपरेशन सिंदूर में तबाह हुआ आतंकी लॉन्चपैड (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आतंकवादियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने जिन आतंकी लॉन्चपैड्स को तबाह कर दिया था, उन्हें वो फिर से बना रहा है। इन्हें बनाने के लिए पाकिस्तान की सेना, खुफिया एजेंसी आईएसआई और सरकार का समर्थन भी मिला हुआ है। 

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    पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और इसके आसपास के इलाकों में आतंकी लॉन्चपैड्स को फिर खड़ा करने की कोशिश चल रही है। एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया, इसके लिए कॉन्ट्रैक्ट भी दिया जा चुका है। इससे साफ है कि पाकिस्तान अपने यहां पाले गए आतंकवाद को फिर से खड़ा करने में लगा हुआ है। 

    पाकिस्तान बहा रहा सरकारी पैसा

    ऑपरेशन सिंदूर में मुंह की खाने के बाद फील्ड मार्शल बनाए गए आसिम मुनीर ने खुद दखल देते हुए इन आतंकी ठिकानों को फिर से खड़ा करने के लिए सरकारी फंड जारी किया है। इसके लिए अब तक 40 करोड़ रुपये का फंड मुनीर दिलवा चुके हैं। वहीं, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ भी कह चुके हैं कि भारतीय हमलों में जो घर और मस्जिदें तबाह हुई हैं, उनका पुनर्निर्माण सरकार करवाएगी।

    किस आतंकी ठिकाने को मिला कितना फंड 

    • बहावलपुर को 14 करोड़ रुपये की फंडिंग की गई है। यहां के मरकज सुभान अल्लाह परिसर पर भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के अड्डे को टारगेट बनाकर मिसाइलें दागी थीं। इसे आतंकी मसूद अजहर का गढ़ माना जाता है और यहां पर 13 आतंकी मारे गए थे। 
    • मुरीदके को 15 करोड़ रुपये की फंडिंग की गई है। ये लश्कर-ए-तैयबा का गढ़ है। इस परिसर को भारत ने निशाना बनाया था और हमले में इमारतें बुरी तरह से तबाह हुई थीं। 
    • मुजफ्फराबाद को 11 करोड़ रुपये दिए गए हैं। यहां पर आतंकियों का ट्रेनिंग कैंप था और इसे भी भारत ने बुरी तरह से तबाह किया था। फंडिंग मिलने के बाद यहां पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। यहां पर मारे गए आतंकियों के परिवारों की पाकिस्तानी सेना ने मदद की थी। 

    कॉन्ट्रैक्टर्स को दिया 11 दिनों का समय

    पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने लश्कर और जैश के आतंकी ठिकानों को ठीक करने के लिए कॉन्ट्रैक्टर्स के लिए डेडलाइन भी रखी है। निर्माण कार्य पूरा करने के लिए कॉन्ट्रैक्टर्स को 30 जून की तारीख तय की है।

    दरअसल, 1 जुलाई से पाकिस्तान में मदरसे खुलने शुरू हो जाएंगे। पहले ये मदरसे 20 जून को खुलने थे लेकिन इनकी तबाही के चलते तारीख बदल दी गई। मुनीर ने इन्हें ठीक कराने के लिए एक टीम भी बनाई है और खुद इन कामों की निगरानी भी कर रहे हैं। 

    आतंकियों से मिलने पहुंचे पाकिस्तान के दो मंत्री

    पाकिस्तान आतंकवाद का किस हद तक समर्थन करता है उसका सबूत भी सामने आया। भारत ने मुरीदके में जो हमला किया उसमें कई आतंकियों की मौत हुई तो कई घायल हुए। घायल आतंकियों से मिलने के लिए पाकिस्तान के दो मंत्री पहुंचे। ये मंत्री थे, तनवीर हुसैन और बिलाल यासीन। इतना ही नहीं इन मंत्रियों ने मारे गए आतंकियों को शहीद बताया और कहा कि इनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

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