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UNGC में एक तरफ पाक पीएम रो रहे भारतीय अल्पसंख्यकों का रोना, तो दूसरी तरफ खुद उनके देश में हिंदू नहीं है सुरक्षित

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने बीते दिन यूएनजीसी में भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर झूठ फैलाने की कोशिश की। लेकिन भारत ने भी पाक में अल्पसंख्यकों के हालात बताकर करारा जवाब दिया है। आइए जानें पड़ोसी मुल्क में अल्पसंख्यकों के क्या हैं हालात...

By Mahen KhannaEdited By: Published: Sat, 24 Sep 2022 10:11 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 10:11 PM (IST)
UNGC में एक तरफ पाक पीएम रो रहे भारतीय अल्पसंख्यकों का रोना, तो दूसरी तरफ खुद उनके देश में हिंदू नहीं है सुरक्षित
पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं हैं हिंदू अल्पसंख्यक।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने बीते दिन UNGC में भारत के खिलाफ कई झूठ बोले। शहबाज द्वारा बोली गई फर्जी बातों में सबसे बड़ा झूठ भारत में में रह रहे अल्पसंख्यकों (Minorities in Pakistan) पर अत्याचार रहा। लेकिन, उनके इन झूठे आरोपों का भारत ने भी करारा जवाब दिया है। भारत ने पाक पीएम को उनके देश के अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की याद दिलाई। पाक में अल्पसंख्यक कितने सुरक्षित हैं, घटनाओं और आंकड़ों के जरिए समझें...

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अल्पसंख्यक हिंदुओं पर बार-बार हमले

पाकिस्तान में हिंदुओं पर किस तरह से अत्याचार होता है, यह आपकी सोच से परे है। पाक में हिंदुओं पर लगातार चिंहित हमले किए जाते हैं। इसको लेकर वहां कि मीडिया ने भी कई बार खुलासा किया है। कुछ मामलों में तो भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी हस्तक्षेप किया है। हाल ही में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 13 साल की हिंदू युवती का सरे राह अपहरण कर लिया गया था।

हिंदू मंदिरों को बनाया जाता है निशाना

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर इस तरह जुल्म किया जाता है कि वहां के हिंदू मंदिरों में भी आए दिन तोड़फोड़ की जानकारी सामने आती है। हाल ही में कराची में हिंदू माता मंदिर पर हमला कर देवी-देवताओं की मूर्ति भी तोड़ दी गई थी। वहीं, दिसंबर 2020 में भी भीड़ ने खैबर पख्तूनख्वा स्थित करीब एक सदी पुराने मंदिर को भी निशाना बनाया था।

जबरन कराया जा रहा धर्मांतरण

मानवाधिकार विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान में कट्टरपंथी मुस्लिमों द्वारा हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण कराने की घटनाओं में लगातार तेजी आ रही है। धर्मांतरण का हाल ऐसा है कि वहां का कोई भी अल्पसंख्यक परिवार सुरक्षित नहीं है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में हिंदू और ईसाई लड़कियों का अपहरण कर उनसे जबरन मुस्लिम युवक से शादी करा धर्मांतरण कराया जा रहा है।

ईशनिंदा कानून बना अत्याचार का हथियार

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार ढाने और यहां तक की उनकी हत्या करने के मामले भी सामने आ रहे है। इसके लिए वहां के एक कानून को भी हथियार बनाया जा रहा है। ईशनिंदा कानून के अनुसार इस्‍लाम या पैगंबर मुहम्‍मद के खिलाफ जो कोई भी कुछ बोलता या करता है तो उसे मौत की सजा का प्रावधान है। वहीं, अगर मौत की सजा नहीं होती तो उसे आजीवन कारावास की सजा होती है। पाक में इसी कानून के जरिए अल्पसंख्यकों को फर्जी मामलों में फंसाने का काम किया जाता है। पाकिस्तान मानवाधिकार की रिपोर्ट के अनुसार अकेले 2021 में देशभर में ईशनिंदा के आरोप में 585 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

पाक में केवल 1.9 फीसद है हिंदू

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या इन्हीं जुल्मों के चलते काफी कम है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में हिंदुओं की संख्या 3,990,000 है जो कुल पंजीकृत आबादी 230,428,245 का महज 1.9 फीसद है।

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