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    'लाल किले से कश्मीर तक...', दिल्ली ब्लास्ट पर पाक नेता ने दिया विवादित बयान; ये क्या कह दिया

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 06:36 PM (IST)

    दिल्ली के लाल किले के पास हुए आतंकी हमले पर पीओजेके के एक नेता ने पाकिस्तान की भूमिका स्वीकार की है। नेता ने कहा कि 10 नवंबर को लाल किले के बाहर हुए विस्फोट में उनके देश का सीधा हाथ था। खुफिया एजेंसियों ने जैश-ए-मोहम्मद के शामिल होने का पता लगाया है। जांच में एक मौलवी और डॉक्टरों के गिरोह का खुलासा हुआ है, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

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    पाक नेता ने कबूली लाल किले हमले में भूमिका। फोटो- जागरण ग्राफिक्स

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किले के पास हुए आतंकी हमले को लेकर एक पाक नेता ने पाकिस्तान की भागीदारी की बात कबूली है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoJK) के एक पाकिस्तानी राजनेता ने दावा किया है कि 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के बाहर हुए कार बम विस्फोट में उनके देश की सीधी भूमिका थी। बता दें इस विस्फोट में 15 लोग मारे गए थे और एक दर्जन से ज्यादा घायल हुए थे।

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    पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक ने विधानसभा में कहा, 'मैंने पहले ही कहा था अगर तुम (भारत) बलूचिस्तान को लहूलुहान करते रहोगे, तो हम लाल किले से लेकर कश्मीर के जंगलों तक तुम्हें मारेंगे। अल्लाह की मेहरबानी से हमने ये कर दिखाया...हमारे बहादुर जवानों ने ये कर दिखाया।'

    पाक नेता ने कबूली लाल किले हमले में भूमिका

    पाकिस्तान शुरू से ही भारत पर बलूचिस्तान प्रांत में अशांति फैलाने का झूठा आरोप लगाता रहा है। इसपर भारत का कहना है कि पाकिस्तान यह चाल सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों से ध्यान हटाने के लिए अपनाता है। भारत ने हमेशा बलूचिस्तान में हिंसा में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया है।

    गौरतलब है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने लाल किले के बाहर विस्फोट की गई कार और इस साजिश के पीछे के आतंकवादी गिरोह का संबंध जैश-ए-मोहम्मद से जोड़ा है।

    विस्फोट की जांच कर रहे अधिकारियों के अनुसार 10 सदस्यीय 'आतंकवादी डॉक्टर' सेल की स्थापना जम्मू-कश्मीर के शोपियां के एक इस्लामी मौलवी इरफान अहमद ने की थी। मौलवी का जैश से सीधा संबंध था; वह कथित तौर पर मॉड्यूल के सदस्यों को जैश के आतंकवादियों से मिलने के लिए दक्षिण कश्मीर भी ले गया था।

    जैश-ए-मोहम्मद का हाथ, खुफिया एजेंसियों का खुलासा

    एनडीटीवी के अनुसार अहमद और एक पाकिस्तानी आतंकवादी उमर-बिन-खत्ताब उर्फ हंजुल्लाह इस गिरोह का संचालक था। अहमद ने हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की पहचान की और उन्हें अपने खौफनाक विचारों से प्रभावित किया, जिनमें डॉ. उमर मोहम्मद भी शामिल था। अहमद सहित इस गिरोह के बाकी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

    जैश के पास पहले से ही एक 'महिला ब्रिगेड' है, जिसे जमात उल-मुमिनात कहा जाता है। आतंकी सरगना मसूद अजहर की बहन सादिया को उस यूनिट का नेतृत्व करने का काम सौंपा गया था। लाल किला विस्फोट के प्रमुख संदिग्धों में से एक डॉ. शाहिना सईद पर भी इसी विंग की सदस्य होने का आरोप है।