'भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं', केंद्रीय मंत्री ने पाक को लताड़ा
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है और उसे वैश्विक मंचों का दुरुपयोग बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारतीय नागरिकों के खिलाफ सीमा पार आतंकी गतिविधियों में संलिप्त है। साथ ही उन्होंने पड़ोसी देश को आत्मचिंतन करने की सलाह दी।

'भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का पाक को कोई अधिकार नहीं', केंद्रीय मंत्री मांडविया (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है और उसे वैश्विक मंचों का दुरुपयोग बंद करना चाहिए।
पड़ोसी देश को आत्मचिंतन करने जरूरत- मांडविया
उन्होंने कहा क पाकिस्तान भारतीय नागरिकों के खिलाफ सीमा पार आतंकी गतिविधियों में संलिप्त है। साथ ही उन्होंने पड़ोसी देश को आत्मचिंतन करने की सलाह दी।
मांडविया कतर के दोहा में दूसरे विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन में भारत का आधिकारिक रुख रख रहे थे। उन्होंने पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा मंगलवार को भारत के संबंध में की गई अनुचित टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई।
मांडविया ने कहा- ''भारत के खिलाफ दुष्प्रचार अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग है, जिससे सामाजिक विकास का ध्यान भटकता है। हम सच्चाई सामने लाना चाहते हैं''।
सिंधु जल संधि पर मांडविया ने कहा कि पाकिस्तान ने निरंतर शत्रुता और सीमापार आतंकवाद के माध्यम से इसकी भावना को कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत की वैध परियोजनाओं में बाधा डालने के लिए संधि तंत्र का बार-बार दुरुपयोग किया है।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में मांडविया ने दोहराया कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।
यह विशेष रूप से तब होता है जब वह भारत के नागरिकों के खिलाफ सीमा पार आतंकी गतिविधियों में लिप्त होता है। उन्होंने साथ ही पाकिस्तान को नसीहत दी कि वह अपनी आंतरिक चुनौतियों का समाधान करें क्यों कि वह अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर हो गया है।
भारत के वर्तमान विकास की कहानी
दुनिया के सामने रखी देश की आर्थिक वृद्धि और सामाजिक प्रगति के बारे में बात करते हुए मांडविया ने कहा कि भारत के विकास की कहानी बड़े पैमाने पर बदलाव की कहानी है।
उन्होंने कहा- 'पिछले 10 वर्षों में लगातार सुधारों, कल्याणकारी कार्यक्रमों और डिजिटल नवाचार के माध्यम से लगभग 25 करोड़ भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।
11.8 करोड़ स्कूली बच्चों को पौष्टिक मध्याह्न भोजन मिलता है और 80 करोड़ से अधिक नागरिकों को खाद्य सुरक्षा प्रदान की गई है। 42.5 करोड़ भारतीयों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की गई है और कम आय वाले लोगों को 3.7 करोड़ से अधिक मकान उपलब्ध कराए गए हैं।
बेरोजगारी दर घटी
2017-18 और 2023-24 के बीच हमारी बेरोजगारी दर छह प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई है और महिलाओं की रोजगार दर लगभग दोगुनी हो गई है।' उन्होंने कहा कि भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज 2015 में 19 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 64.3 प्रतिशत हो गया है।

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