Pervez Musharraf Profile: जनरल परवेज मुशर्रफ जिसने एक झटके में पलट दी नवाज की कुर्सी, जानें इस तानाशाह के अर्श से फर्श तक का सफर
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ का सियासी सफर बेहद उतार चढ़ाव भरा रहा है। जानें सैन्य अधिकारी से सेना प्रमुख और पाकिस्तान के राष्ट्रपति तक का मुकाम हासिल करने वाले परवेज मुशर्रफ का कैसा रहा है जीवन...

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) की हालत बेहद नाजुक बताई जाती है। उनके करीबी सहयोगी और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। 78 वर्षीय जनरल मुशर्रफ ने 1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन किया। परवेज मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त 1943 को हुआ था। वह पाकिस्तान के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख रह चुके हैं। आइये जानें कैसा रहा है परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) का अब तक का सफर...
नवाज शरीफ ने बनाय था सेना प्रमुख
शुरू करते हैं 1997 में पाकिस्तान के आम चुनावों से जिसमें नवाज शरीफ की जीत हुई थी। प्रधानमंत्री बनने के बाद नवाज शरीफ ने जनरल परवेज मुशर्रफ को सेना प्रमुख यानी पाकिस्तान का चीफ आफ आर्मी स्टाफ बनाया था। धीरे धीरे सेना प्रमुख के तौर पर परवेज मुशर्रफ ताकतवर होते चले गए और सरकार तक में उनका रसूख बढ़ता गया।
कारगिल युद्ध के जिम्मेदार
जनरल परवेज मुशर्रफ को करगिल युद्ध का जिम्मेदार भी माना जाता है। करगिल युद्ध के समय वह पाकिस्तान के सेना प्रमुख थे। कहते हैं कि उन्होंने करगिल युद्ध के बारे में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी अंधेरे में रखा था।
पलट दी थी नवाज शरीफ की कुर्सी
साल 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने सैन्य तख्तापलट करके नवाज शरीफ को सत्ता से बेदखल कर दिया। नवाज शरीफ को इसका अंदेशा था इसलिए उन्होंने शक के आधार पर मुशर्रफ को सेनाध्यक्ष के पद से हटा दिया था। लेकिन जिस जनरल अजीज को नया चीफ आफ आर्मी स्टाफ बनाया वह मुशर्रफ के वफादार निकले। इसके बाद नवाज शरीफ का तख्तापलट कर दिया गया था।
राष्ट्रपति के रूप में किया लंबा शासन
बाद में परवेज मुशर्रफ ने खुद को पाकिस्तान का राष्ट्रपति घोषित कर दिया। परवेज मुशर्रफ साल 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे। हालांकि बाद में परवेज मुशर्रफ को पाकिस्तान के सरकारी सिस्टम का शिकार होना पड़ा।
देशद्रोह में सुनाई गई थी मौत की सजा
पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो हत्याकांड और लाल मस्जिद मामले में जनरल परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। दिसंबर 2019 में पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने परवेज मुशर्रफ को राजद्रोह के मामले में दोषी करार देते हुए उनको मौत की सजा सुना दी थी। मुशर्रफ पर साल 2007 में आपातकाल घोषित करने को लेकर राजद्रोह का आरोप लगाया गया था।
देशद्रोह का आरोप
पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी पूर्व सेना प्रमुख को राजद्रोह के मामले में अदालत की ओर से सजा-ए-मौत सुनाई गई थी। हालांकि साल 2020 लाहौर हाई कोर्ट ने पाकिस्तान के परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाने वाली विशेष अदालत को असंवैधानिक करार दिया था। हालांकि हाईकोर्ट ने मुशर्रफ को संगीन देशद्रोह का दोषी माना था।
दुबई में बिता रहे निर्वासित जीवन
मुशर्रफ को पाकिस्तान में अब जेल जाने का डर सताने लगा था। साल 2016 में वह स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर विदेश चले गए। तत्कालीन पाकिस्तानी हुकूमत ने एक्जिट कंट्रोल लिस्ट से मुशर्रफ का नाम हटा लिया था। यही नहीं उनको देश से बाहर जाने की इजाजत दे दी थी। जनरल परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) मार्च 2016 से ही दुबई में निर्वासित जीवन जी रहे हैं। बताया जाता है कि वह किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं।
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