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    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान PAK ने किया था उरी हाइड्रो प्लांट पर ड्रोन अटैक, CISF ने किया नाकाम

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 08:08 AM (IST)

    Uri Hydro Power Plant: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के रिहायशी इलाकों और उरी हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट पर मिसाइलें दागीं। CISF के जवानों ने बहादुरी से उरी प्लांट की रक्षा की। पाकिस्तान के ड्रोन को हवा में ही मार गिराया, जिससे प्लांट और नागरिकों को कोई नुकसान नहीं हुआ। इस बहादुरी के लिए 19 CISF जवानों को सम्मानित किया गया।  

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    उरी हाइड्रोपावर प्लांट पर पाकिस्तान ने किया था हमला। प्रतीकात्मक तस्वीर

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर को कई महीने बीत चुके हैं। यह ऑपरेशन अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, बल्कि कुछ समय के लिए रोका गया है। मगर, मई में हुए इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था। हार से तिलमिलाए पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के कई रिहायशी इलाकों पर मिसाइलें दाग दी थीं। यही नहीं, उरी का हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट भी पाकिस्तान के निशाने पर था।

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    पाकिस्तान ने उरी के हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट पर हमला किया था, जिसे CISF के जवानों ने नेस्तनाबूद कर दिया। यह प्लांट एलओसी के पास है। CISF ने पाकिस्तान के ड्रोन को हवा में ही मार गिराया और उरी प्लांट को कोई नुकसान नहीं हुआ।

    19 जवान सम्मानित

    CISF की इस बहादुरी के लिए 19 जवानों को सम्मानित किया गया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उन्होंने देर रात उरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (UHEP-1 and 2) पर हुए ड्रोन हमलों को नाकाम कर दिया था। यही नहीं, जब पाकिस्तान ने गोलीबारी शुरू की, तो जवानों ने आसपास मौजूद आम नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था।

    Uri Power Plant (1)

    क्या हुआ था उस रात?

    CISF जवानों की इस बहादुरी के लिए डायरेक्टर जनरल ने नई दिल्ली स्थित CISF के मुख्यालय में 19 जवानों को सम्मानित किया है। उस रात LOC पर क्या हुआ? इसकी जानकारी देते हुए CISF ने बताया-

    6 मई 2025 की रात को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाते हुए LOC के आसपास छिपे आतंकियों को मौत के घाट उतारा था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। उनका निशाना उरी पावर प्रोजेक्ट समेत आसपास के आम नागरिक थे। उरी पावर प्लांट LOC के काफी करीब है। ऐसे में NHPC में नियुक्त CISF की यूनिट ने बहादुरी का परिचय दिया।

    CISF के अनुसार, उस समय टीम का नेतृत्व कमांडर रवि यादव कर रहे थे। CISF जवानों ने सबसे पहले ड्रोन हमलों को विफल किया और फिर नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर सभी की जान बचाई।

    उरी पावर प्लांट को नहीं आई खंरोच

    उरी हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का जिक्र करते हुए CISF ने बताया कि यह प्रोजेक्ट LOC से कुछ ही दूरी पर है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरकार का खुफिया तंत्र काफी मजबूत था। सभी जवान पूरी तरह से मुस्तैद थे। उस रात सिर्फ 1 नहीं, बल्कि बड़ी संख्या में ड्रोन्स को हवा में मार गिराया गया था, जिससे हजारों लोगों की जान बच गई।

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