'भारत में हुए आतंकी हमले को...', JD Vance के दौरे के बीच पहलगाम में अटैक; ट्रंप ने पीएम मोदी से क्या-क्या कहा?
पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के तार जुड़ने लगे हैं। लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन टीआरएफ ने इस हमले को अंजाम दिया है। मकसद कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय फलक पर जिंदा रखना और भारत के साथ ही अमेरिका को भी संदेश देना है। हमले के बाद पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पहलगाम में पर्यटकों पर मंगलवार को हुआ वीभत्स आतंकी हमले के तार अब जुड़ने लगे हैं। यह बात साफ होने लगी हैं कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का मुखौटा संगठन द रजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) ने यह हमला पूरी रणनीति के साथ अंजाम दिया है।
मुख्य मकसद तो यही है कि कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय फलक पर जिंदा रखना है लेकिन इसके लिए भारत के साथ ही अमेरिका को भी संदेश देना है।
क्या है हमले के पीछे की कहानी?
दरअसल, जब से अमेरिका ने मुंबई हमले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक तहव्वुर राणा को भारत को सौंपा है तभी से एलईटी के सरगनाओं की तरफ से टीआरएफ पर यह दबाव बनाया जा रहा था कि उन्हें भारत में किसी बड़े आतंकी वारदात को अंजाम देना है। इस बीच उपराष्ट्रपति जे डी वेंस के भारत दौरे की तारीख तय हो गई। ऐसे में टीआरएफ ने हर कीमत पर वेंस के इस दौरे के समय ही हमला करने की साजिश रची।
मोदी की ट्रंप से बातचीत
- इस हमले के पीछे के संदेश को भारत के साथ अमेरिका भी समझ रहा है। हमले के कुछ ही घंटों बाद पीएम नरेन्द्र मोदी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत यही संकेत दे रहा है।
- पहलगाम हमले के तकरीबन पांच घंटे बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति भवन ने यह घोषणा कर दी कि जल्द ही ट्रंप और मोदी के बीच बात होगी। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच वार्ता भी हुई।
- यह बातचीत तब हुई जब पीएम मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में ही छोड़ कर भारत लौटने की तैयारी कर रहे थे।
- विदेश मंत्रालय ने बताया है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन करके जम्मू व कश्मीर में हुए आतंकी हमले पर मारे गये निर्दोष नागरिकों पर गहरा दुख जताया है।
- राष्ट्रपति ट्रंप ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और इस वीभत्स हमले के दोषियों को सजा दिलाने के लिए हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया है। आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और अमेरिका साथ साथ है।
दोषियों पर होगी कार्रवाई
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति को फोन करने के लिए धन्यवाद दिया है। मोदी ने उनसे यह भी कहा है कि भारत इस कायराना हमला करने वालों और इसकी साजिश रचने वाले दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
घटना के कुछ ही घंटे बाद भारत और अमेरिका के शीर्ष नेताओं के वार्ता को काफी अहम माना जा रहा है। आतंकवाद पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की सोच हमेशा एक जैसी रही है।
तहव्वुर राणा पर एक्शन
यही वजह है कि जनवरी 2025 में सत्ता संभालने के कुछ ही दिनों बाद अमेरिकी सरकार ने तहव्वुर राणा को भारत को प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया को जस का तस लागू किया।
राणा पर जब पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने उसे पाकिस्तानी नागरिक मानने से इनकार कर दिया तब अमेरिकी न्याय विभाग ने एक विस्तृत विज्ञप्ति जारी कर यह स्पष्ट किया कि वह पाकिस्तानी मूल का ही है और उसके पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध रहे हैं।
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