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    Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तान को एक हद तक ही सपोर्ट करेगा चीन, आखिर क्या है ड्रैगन की मजबूरी?

    पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को लेकर चीन का रवैया चर्चा में है। चीन एक ओर निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है तो दूसरी ओर भारत के साथ बढ़ते व्यापारिक हितों को देखते हुए वह पाकिस्तान का खुलकर बचाव नहीं कर रहा है। अमेरिका की नीति से बदलते वैश्विक व्यापारिक माहौल में चीन भारत के बाजार को खोना नहीं चाहता।

    By rajeev kumar Edited By: Piyush Kumar Updated: Tue, 29 Apr 2025 10:30 PM (IST)
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    भारत के साथ बढ़ते व्यापारिक हितों को देखते हुए चीन एक हद तक ही पाक का बचाव करेगा। (फाइल फोटो)

    राजीव कुमार, नई दिल्ली। पहलगाम में आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान पर लग रहे आरोप को लेकर चीन भले ही निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि भारत के साथ बढ़ते व्यापारिक हितों को देखते हुए चीन एक हद तक ही पाक का बचाव करेगा। अमेरिका की नीति से बदलते वैश्विक व्यापारिक माहौल के बीच चीन भारत के बाजार को खोना नहीं चाहेगा।

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    अमेरिका की तरफ से चीन पर 145 प्रतिशत शुल्क लगाने के बाद चीन को अमेरिका के बाजार खोने की आशंका भारत के करीब ला रही है। चीन के व्यापारिक मेले में भारतीय कारोबारियों की आवभगत हो रही है और उन्हें पहले के मुकाबले सस्ते में सामान बेचने की पेशकश की जा रही है। चीन की सरकार के प्रतिनिधि अब खुलकर भारत को अपने साथ व्यापार बढ़ाने का न्योता दे रहे हैं।

    भारत और चीन का लक्ष्य विकास है: चीन के राजदूत शू फिहांग

    भारत में चीन के राजदूत शू फिहांग ने मंगलवार को एक अखबार में यहां तक लिख डाला कि सिर्फ चीन और भारत में एक-एक अरब से अधिक की आबादी है और दोनों देश मिल जाए तो एक और एक ग्यारह हो जाएगा।

    दोनों ही देशों का लक्ष्य विकास है और अगले पांच साल में दुनिया के विकास में इन दोनों देशों की हिस्सेदारी 36 प्रतिशत की होगी। भारतीय वस्तुओं के लिए अपने बाजार को सीमित रखने वाले चीन के राजदूत अब कह रहे हैं कि भारत के उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद का चीन में स्वागत है।

    'कोई देश नहीं चाहेगा कि भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध हो'

    फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के महानिदेशक व सीईओ अजय सहाय का मानना है कि यह सच है कोई देश नहीं चाहेगा कि भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध हो। लेकिन जिस तरह वैश्विक स्तर पर भारत को समर्थन है और चीन का हित भारत के साथ जुड़ा है उसमें चीन के लिए बहुत मुश्किल होगा कि वह चीन के साथ खुलकर खड़ा हो जाए। ऐसा करने पर भारत निश्चित रूप से चीन के सामान पर प्रतिबंध लगाएगा। अमेरिकी शुल्क नीति के बाद चीन व्यापारिक मोर्चे पर पहले से ही संघर्ष कर रहा है।

    गत वित्त वर्ष 2024-25 में चीन से भारत ने 114 अरब डॉलर का आयात किया जबकि भारत ने चीन को सिर्फ 14 अरब डालर का निर्यात किया। भारत में चीन का निर्यात हर साल बढ़ता ही जा रहा है और पाकिस्तान का खुलेआम साथ देकर चीन 100 अरब डॉलर के बढ़ते बाजार को नहीं खोना चाहेगा।

    जानकारों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से चीन का व्यापारिक रुझान तेजी से भारत की ओर बढ़ रहा है और चीन की कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर भारत में निर्माण शुरू करने की संभावनाएं तलाश रही हैं। जानकार यह भी बता रहे हैं कि चीन भारत की धरती से अमेरिका के बाजार में प्रवेश करने के फिराक में है और भारतीय व्यापारियों को इस प्रकार के काम के लिए पेशकश भी कर रहा है। ऐसे माहौल में अमेरिका के निशाने पर खड़ा चीन भारत के खिलाफ युद्ध के मैदान में खड़ा नहीं दिखेगा।

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