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    Pahalgam Attack: भारत को मिल रहा पूरे विश्व का समर्थन, FBI भी देगी साथ; 16 देशों के प्रमुखों से मोदी की बात

    Updated: Sun, 27 Apr 2025 07:24 PM (IST)

    कूटनीतिक सूत्र अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से एक दिन पहले दिए गए यह बयान कि भारत व पाकिस्तान खुद ही मौजूदा तनाव का समाधान कर लेंगे को भी महत्वपूर्ण मान रहे हैं। यह एक तरह से मौजूदा विवाद में अमेरिका की तरफ से किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करने की तरफ से इशारा करता है।

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    पहलगाम हमले के विरोध में भारत को पूरे विश्व का समर्थन मिल रहा है।

    जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी ने रविवार (27 अप्रैल) को मन की बात कार्यक्रम में कहा है कि भारत को पूरे विश्व का समर्थन मिला हुआ है। सच्चाई यही है कि समर्थन अभूतपूर्व है। विदेश मंत्रालय ने जो अभी तक सूचना उपलब्ध कराई है उससे पता चलता है कि शनिवार तक 16 देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने पीएम मोदी से टेलीफोन पर बात की है।

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    कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकियों के हमले की निंदा की है, मृतकों के लिए अपनी संवेदना जताई है। कई देशों ने पीएम मोदी से भारत को समर्थन देने की बात भी कही है।

    आतंकवाद के खिलाफ सहयोग

    पहलगाम हमले के बाद भारत के प्रमुख रणनीतिक साझेदार देश अमेरिका ने जो प्रतिक्रिया दी है, उसको भी भारतीय कूटनीतिक विश्लेषक काफी महत्वपूर्ण मान रहे हैं। वैसे सितंबर 2001 अमेरिका ट्विन टावर के बाद से ही अमेरिका और भारत के लिए आतंकवाद के खिलाफ सहयोग लगातार बढ़ा है।

    ट्रंप-मोदी की बातचीत

    मुंबई हमले या पठानकोट हमले के बाद अमेरिका ने ना सिर्फ भारत का साथ दिया है बल्कि इसके दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करने में भी मदद की है। लेकिन पहलगाम हमले के बाद अमेरिकी प्रशासन का सहयोग ज्यादा मुखर है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले वैश्विक नेता थे जिन्होंने हमले के कुछ ही घंटे बाद पीएम मोदी से टेलीफोन पर बात की।

    कई देशों ने की हमले की निंदा

    उस वक्त मोदी सऊदी अरब यात्रा पर थे। इसके बाद अमेरिका के उपराष्ट्रपति, एनएसए, विदेश मंत्रालय, विदेश मंत्री, खुफिया एजेंसी की निदेशक (तुलसी गबार्ड), अटार्नी जेनरल, उप-विदेश सचिव, उप-रक्षा सचिव के अलावा प्रतिनिधि सभा के 75 सदस्यों और सीनेट के 25 सदस्यों ने उक्त हमले की निंदा की है।

    • पहले ऐसा नहीं हुआ कि सौ अमेरिकी सांसदों की तरफ से भारत के लिए समर्थन आया हो। इनमें से कई सांसदों ने कहा है कि वह भारत के साथ है।
    • सांसदों के अलावा अमेरिकी खुफिया एजेंसी की निदेशक तुलसी गबार्ड और एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा है कि वह भारत का समर्थन करते रहेंगे।
    • 20 जनवरी 2025 को सत्ता में आने के बाद से ट्रंप प्रशासन की यह परोक्ष नीति रही है कि वह दक्षिण एशिया मामले में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करना चाहता।
    • फरवरी, 2025 में पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान जब पत्रकारों ने ट्रंप से बांग्लादेश में चल ही अस्थिरता को लेकर सवाल पूछा तो उनका जवाब था कि यह मैं पीएम मोदी पर छोड़ता हूं।

    इन बड़े नेताओं से हुई पीएम मोदी की बात

    वैश्विक नेताओं की बात करें तो राष्ट्रपति ट्रंप, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों, नेपाल के पीएम के पी शर्मा ओली, आस्ट्रेलिया के पीएम अलबनिजी, इजरायल के बीच नेतन्याहू, जार्डन के किंग अबदुल्लाह, जापान के पीएम इशीबा, इटली की पीएम मेलोनी, मिश्र के राष्ट्रपति अलसिसी, नीदरलैंड के पीएम स्कूफ, ब्रिटेन के पीएम स्टार्मर, ईरान के राष्ट्रपति पजेशकियान और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायेद ने पीएम मोदी से टेलीफोन पर बात की है।

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