1971 के बाद पहली बार WAR की आशंका! आम जनता को युद्ध के लिए तैयार करने की कवायद तेज
Pahalgam Terror Attack पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत युद्ध की तैयारी कर रहा है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सिविल डिफेंस का मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। हवाई हमलों से बचने के लिए सायरन सिस्टम को दुरुस्त किया जा रहा है और लोगों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। युद्ध के समय सुरक्षा के लिए सरकार की तैयारी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ युद्ध की आशंका को देखते हुए देश की जनता को इसके लिए तैयार करने की कवायद शुरू हो गई है। इस सिलसिले में गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से बुधवार को सिविल डिफेंस का मॉक ड्रिल करने को कहा है।
इसके साथ ही हवाई हमलों की चेतावनी देने के लिए सभी शहरों में सायरन सिस्टम को चालू करने और आम लोगों को सुरक्षित करने के लिए जरूरी ट्रेनिंग देने को कहा गया है।
सिविल डिफेंस को पूरी तरह चुस्त बनाने की कोशिश
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार युद्ध के समय आम जनता को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने से लेकर जरुरी वस्तुओं की आपूर्ति सुचारू रखने में सिविल डिफेंस की अहम भूमिका होती है। मॉक ड्रिल के माध्यम से सिविल डिफेंस को पूरी तरह से चुस्त बनाने की कोशिश की जाएगी।
1971 के बाद कोई युद्ध नहीं होने के कारण हवाई हमलों को लेकर अलर्ट करने के लिए सायरन सिस्टम की जांच नहीं की गई थी। सभी राज्यों को सायरन सिस्टम को चालू करने और जरूरत पड़ने पर नए सिस्टम लगाने को कहा गया है।
बिजली सप्लाई से जुड़े अधिकारियों को भी अलर्ट रहने की जरूरत
हवाई हमले की स्थिति में बिजली आपूर्ति रोककर तत्काल ब्लैक आउट सामान्य बात है। लेकिन इसके लिए बिजली सप्लाई से जुड़े अधिकारियों को तैयार रहना जरूरी है।
इसके साथ ही दुश्मन की नजर से अहम प्लांट और संस्थानों को बचाने के लिए जरूरी उपाय करने को भी कहा गया है। हवाई हमलों के दौरान आम लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना का अहम होता है।
इसमें आम लोगों की ट्रेनिंग के साथ-साथ सिविल डिफेंस की अहम भूमिका होती है। गृह मंत्रालय ने राज्यों से आम जनता को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने का प्लान तैयार करने और उसका रिहर्सल करने को कहा है।
पंजाब में की गई ब्लैकआउट रिहर्सल
इससे पहले रविवार रात पंजाब के पूरे फिरोजपुर कैंट इलाके में 30 मिनट (रात 9 बजे से 9:30 बजे तक) का ब्लैकआउट रिहर्सल की गई थी। यह रिहर्सल कैंटोनमेंट बोर्ड/स्टेशन कमांडर के दिशा-निर्देशों पर की गई थी। इस दौरान लाइटें पूरी तरह से बंद कर दी गई थीं। अगर किसी वाहन की लाइट जलती हुई मिली तो उसे बंद करा दिया गया था। सभी चौराहों पर पुलिस तैनात की गई थी।
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