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    हिंदू-मुस्लिम एकता के पैरोकार पद्मश्री मुजफ्फर हुसैन नहीं रहे

    मुजफ्फर हुसैन हिंदी में लिखने वाले ऐसे मुस्लिम लेखक थे, जो सदैव मुस्लिम समाज को हिंदुओं के साथ समरस होने की वकालत करते रहे।

    By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Wed, 14 Feb 2018 12:13 AM (IST)
    हिंदू-मुस्लिम एकता के पैरोकार पद्मश्री मुजफ्फर हुसैन नहीं रहे

    मुंबई, राज्य ब्यूरो। हिंदू चेतना के गहन अध्येता एवं हिंदू-मुस्लिम एकता के पैरोकार पद्मश्री मुजफ्फर हुसैन नहीं रहे। 77 वर्षीय हुसैन पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। मंगलवार शाम 7.25 बजे मुंबई के एलएच हीरानंदानी अस्पताल में उनका निधन हुआ।

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    मुजफ्फर हुसैन हिंदी में लिखने वाले ऐसे मुस्लिम लेखक थे, जो सदैव मुस्लिम समाज को हिंदुओं के साथ समरस होने की वकालत करते रहे। अपने इसी नजरिये के साथ देश के कई अखबारों में वह स्तंभ लिखते रहे। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखीं।

    इस्लाम और शाकाहार नामक उनकी पुस्तक काफी चर्चित रही है। इसमें उन्होंने कुरान के विभिन्न अध्यायों में हिंसा से दूर रहने की जो सीख दी गई है, और हदीस व कुरान में किस हद तक शाकाहार का समर्थन किया गया है, उसे बहुत कुशलता प्रस्तुत किया है।

    मुजफ्फर हुसैन अल्पसंख्यक समुदाय के एक वर्ग में पनपनेवाली जेहादी मानसिकता के सदैव निंदक रहे। उन्हें वाजपेयी सरकार के दौरान पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।