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एक लीटर पानी में पौधा उगाने वाले को पद्मश्री, सीकर के दांता कस्बे में उत्साह का माहौल

उन्होंने ऐसी तकनीक विकसित की जिसमें किसान कम पानी में अधिक फसलें उगा सकें। इसके साथ ही रेगिस्तानी इलाकों में पानी का संरक्षण भी कर सकें।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 08:56 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 08:59 PM (IST)
एक लीटर पानी में पौधा उगाने वाले को पद्मश्री, सीकर के दांता कस्बे में उत्साह का माहौल
एक लीटर पानी में पौधा उगाने वाले को पद्मश्री, सीकर के दांता कस्बे में उत्साह का माहौल

जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में सीकर जिले के दांता कस्बे में दो दिन से उत्साह का माहौल है। इसका कारण यहां के एक प्रगतिशील किसान सुंडाराम वर्मा को पद्मश्री मिलने की घोषणा है। सुंडाराम वर्मा को कृषि क्षेत्र में किए गए नवाचारों पर भारत सरकार ने इस साल 'पद्मश्री' देने की घोषणा की है। किसान सुंडाराम पिछले 10 साल से लगातार कृषि के क्षेत्र में नवाचार कर रहे हैं। वह एक लीटर पानी में पौधा उगाने की तकनीक हासिल कर चुके हैं। उन्होंने इस तकनीक से इलाके में करीब 50 हजार पौधे भी लगवाए हैं। उनकी इस तकनीक की जानकारी पूरे देश में फैली।

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राज्य और राष्ट्रीय स्तर के 16 पुरस्कार ले चुके हैं वर्मा

केंद्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में नवाचार करने पर सुंडाराम वर्मा को 'पद्मश्री' पुरस्कार देने की घोषणा की है। दो बार सरकारी शिक्षक की नौकरी ठुकरा चुके प्रगतिशील किसान सुंडाराम ने क्षेत्र के किसानों की बदहाली को देखते हुए कृषि क्षेत्र में नवाचार करने को ही अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया।

पहले भी कई पुरस्कारों से किए जा चुके हैं सम्मानित

उन्होंने ऐसी तकनीक विकसित की जिसमें किसान कम पानी में अधिक फसलें उगा सकें। इसके साथ ही रेगिस्तानी इलाकों में पानी का संरक्षण भी कर सकें। सुंडाराम वर्मा को उनके द्वारा कृषि क्षेत्र में किए गए नवाचारों के लिए पहले भी कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

सुंडाराम वर्मा अब तक राज्य और राष्ट्रीय स्तर के कुल 16 पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। वह अमेरिका और यूरोप में 11 शोध-पत्र भी पढ़ चुके हैं। कृषि जैव विविधता के आधार पर देसी किस्मों का एक बैंक भी तैयार कर चुके हैं। उनकी तकनीक को न केवल राजस्थान सरकार के जल संरक्षण विभाग ने मान्यता प्रदान की है, बल्कि देश के मशहूर कृषि वैज्ञानिक और हरित क्रांति के जनक डॉ. स्वामीनाथन ने भी सराहा है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने भी उन्हे दिल्ली बुलाकर बात की।


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