भारत में सभी आयु वर्गों में बढ़ रहा है अधिक वजन और मोटापा, यूनिसेफ ने कुपोषण को लेकर दी चेतावनी
भारत में सभी आयु वर्गों में अधिक वजन और मोटापे में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है जिसमें सबसे छोटे बच्चे से लेकर किशोर और वयस्क शामिल हैं। स्वस्थ आहार पर बात करते हुए यूनिसेफ ने राष्ट्रीय मीडिया गोलमेज सम्मेलन में भारत को लेकर चेतावनी दी। आज दुनिया भर में हर दस में से एक बच्चा यानी लगभग 18.8 करोड़ मोटापे से ग्रस्त है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में सभी आयु वर्गों में अधिक वजन और मोटापे में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है, जिसमें सबसे छोटे बच्चे से लेकर किशोर और वयस्क शामिल हैं। स्वस्थ आहार पर बात करते हुए यूनिसेफ ने राष्ट्रीय मीडिया गोलमेज सम्मेलन में भारत को लेकर चेतावनी दी।
हाल ही में जारी यूनिसेफ की बाल पोषण वैश्विक रिपोर्ट 2025 के अनुसार, मोटापा पहली बार स्कूली बच्चों और किशोरों में कुपोषण के सबसे आम रूप के रूप में दुनिया भर में कम वजन से आगे निकल गया है।
आज, दुनिया भर में हर दस में से एक बच्चा, यानी लगभग 18.8 करोड़, मोटापे से ग्रस्त है। कभी संपन्नता की स्थिति मानी जाने वाली मोटापा अब भारत सहित निम्न और मध्यम आय वाले देशों में तेजी से फैल रहा है।
दक्षिण एशिया के देशों में वर्ष 2000 में अधिक वजन की व्यापकता सबसे कम थी। वर्ष 2022 तक, 5-9 वर्ष, 10-14 वर्ष और 15-19 वर्ष की आयु के बच्चों में यह व्यापकता लगभग पांच गुना बढ़ गई।
भारत भर में बढ़ती दरें
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में अधिक वजन और मोटापे में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है, जिसमें एनएफएचएस 3 (2005-06) से एनएफएचएस 5 (2019-21) के बीच 127 प्रतिशत (1.5 प्रतिशत से 3.4 प्रतिशत) की व्यापकता बढ़ रही है।
इसी तरह, किशोर लड़कियों और लड़कों में अधिक वजन, मोटापे में क्रमशः 125 प्रतिशत (2.4 प्रतिशत से 5.4 प्रतिशत) और 288 प्रतिशत (1.7 प्रतिशत से 6.6 प्रतिशत) की वृद्धि देखी गई है।
वयस्कों में, महिलाओं में यह व्यापकता 91 प्रतिशत (12.6 प्रतिशत से 24.0 प्रतिशत) और पुरुषों में 146 प्रतिशत (9.3 प्रतिशत से 22.9 प्रतिशत) बढ़ी, जो एक राष्ट्रव्यापी स्वास्थ्य संकट की ओर इशारा करता है।
अनुमान है कि 2030 तक भारत में 27 मिलियन से अधिक बच्चे और किशोर (5 से 19 वर्ष) मोटापे से ग्रस्त होंगे और वैश्विक बोझ का 11 प्रतिशत हिस्सा भारत में होगा।
भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, भारत में अल्ट्रा प्रोसेस्ड फ़ूड (यूपीएफ) की खपत 900 मिलियन अमेरिकी डॉलर (2006) से बढ़कर 37.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर (2019) हो गई है, जो सालाना 33% से अधिक की वृद्धि दर से बढ़ रही है।

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