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    Kabul Attack: गुरुद्वारा करते परवान साहिब पर हमले के बाद अल्‍पसंख्‍यकों में खौफ, भारतीय वीजा की बाट जोह रहे 150 से अधिक सिख

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Mon, 20 Jun 2022 05:30 PM (IST)

    काबुल स्थित गुरुद्वारा करते परवान साहिब पर हुए आतंकी हमले से अफगानिस्तान में रहने वाले अल्‍पसंख्‍यक खौफजदा हैं। गुरुद्वारे में रह रहे 150 से अधिक सिख भारत आने के लिए वीजा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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    गुरुद्वारा करते परवान साहिब पर आतंकी हमले से अफगानिस्तान में रहने वाले अल्‍पसंख्‍यक डरे हुए हैं।

    नई दिल्‍ली, पीटीआइ। अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता के बाद वहां अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं। काबुल गुरुद्वारे पर शनिवार को हमले के बाद वहां रहे अल्पसंख्यक और डर गए हैं। हमले के शिकार काबुल के 'करते परवान' गुरुद्वारे में रहने वाले 150 से अधिक सिख, तालिबानी कब्जे के बाद से ही वहां से भारत आने के लिए वीजा मिलने की बाट जोह रहे हैं। गुरुद्वारा करते परवान साहिब के अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने भारत सरकार से हिंदुओं और सिखों को अफगानिस्‍तान से निकालने के प्रयास तेज करने की गुजारिश की है।

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    100 हिंदुओं और सिखों को ई-वीजा

    हालांकि समाचार एजेंसी एएनआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत सरकार ने काबुल गुरुद्वारे पर हमले के बाद प्राथमिकता के आधार पर 100 हिंदुओं और सिखों को ई-वीजा की मंजूरी दे दी। ऐसा नहीं कि भारत सरकार ने यह पहलकदमी पहली बार की है। इससे पहले जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा करने के लिए हमला किया था, तो भारत ने ई-वीजा जारी किए थे।

    • गुरुद्वारा पर हुए हमले में दो की मौत हो गई थी जबकि सात अन्य घायल हो गए थे।
    • सुरक्षाकर्मियों और आतंकियों के बीच कई घंटे तक हुई गोलीबारी में तीन आतंकी मारे गए।
    • आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने गुरुद्वारा 'करते परवान' पर हमले की जिम्मेदारी ली है।
    • संयुक्त राष्ट्र के मिशन ने भी काबुल में गुरुद्वारे पर हुए हमले की निंदा की है।

    150 से अधिक सिख आना चाहते हैं भारत

    गुरुद्वारा करते परवान के अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने प्रेट्र को फोन पर हुई बातचीत में बताया कि उनके पास वैध भारतीय वीजा भी थे लेकिन अफगानिस्‍तान में तालिबान की वापसी के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। वे काबुल में अपनी दुकानें बेचकर और अपनी आजीविका छोड़कर स्थायी रूप से भारत स्थानांतरित होने के इच्छुक हैं। इन अफगान सिखों की रातों की नींद हराम है। वह भारत वापसी के दिन गिन रहे हैं।  

    कदम उठाए भारत सरकार 

    गुरनाम सिंह ने कहा कि अब भारत सरकार को भी कदम उठाना चाहिए। हम लोग कई महीनों से इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने भारत से अपील की कि उसे एक योजना के तहत सामने आना चाहिए, जिससे मंदिरों और गुरुद्वारों की सुरक्षा हो सके। उन्होंने बताया कि अशरफ गनी सरकार जाने के बाद से उन लोगों का घर गुरुद्वारा ही हो गया है।

    दर्जनों हिंदू व सिख परिवार कर चुके हैं पलायन

    वर्ष 2020 तक अफगानिस्तान में लगभग 700 हिंदू व सिख रहते थे। इसी वर्ष मार्च में श्री गुरु हर राय साहिब गुरुद्वारा पर हुए हमले में 25 लोग मारे गए थे, जबकि आठ घायल हुए थे। इसकी जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने ली थी। हमले के बाद दर्जनों परिवार पलायन कर गए, लेकिन कई लोग वित्तीय बाधा के कारण ऐसा नहीं कर सके। ऐसे परिवार अब भी काबुल, जलालाबाद व गजनी में मौजूद हैं। पिछले साल अक्टूबर में 15-20 आतंकी करते परवान जिले के एक गुरुद्वारे में घुस गए थे और गार्ड को बंधक बना लिया था।