देश के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित 30 जिलों में आठ छत्तीसगढ़ के
बस्तर के सभी सातों जिलों के अलावा राजनांदगांव जिला भी अति नक्सल प्रभावित जिलों की सूची में शामिल हो गया है।
अनिल मिश्रा, रायपुर: देश के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित 30 जिलों में से आठ छत्तीसगढ़ में हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में बस्तर के सभी सातों जिलों के अलावा राजनांदगांव जिला भी अति नक्सल प्रभावित जिलों की सूची में शामिल हो गया है।
गौरतलब है कि राजनांदगांव सूबे के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह का निर्वाचन क्षेत्र है। इसी साल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों की नई सूची जारी की है, जिसमें मुख्यमंत्री के गृह जिले कवर्धा को भी जोड़ा गया है।
हालांकि, कवर्धा को अति नक्सल प्रभावित जिला नहीं माना गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के इन्हीं तीस जिलों में अधिकांश नक्सली वारदात हो रही हैं। कुल नक्सली वारदात के 88 फीसद केस इन तीस जिलों में दर्ज किए गए हैं। नक्सलवाद के चलते हो रही मौतों में 94 फीसद वारदात इन्हीं जिलों में हुई हैं।
सिमट रहा नक्सल प्रभावित इलाकों का दायरा
देश में नक्सलवाद का दायरा सिमट रहा है। वर्ष 2015 में देशभर में 106 जिले नक्सल प्रभावित थे, जबकि 2017 में इनकी संख्या घटकर 90 रह गई। कुल 11 राज्यों में नक्सलियों का प्रभाव है। मध्यप्रदेश में मामूली असर है, जबकि छत्तीसगढ़ से नक्सली रेड कॉरीडोर दूसरे प्रदेशों तक जुड़ा है। छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड, ओडिशा, बिहार सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र कम प्रभावित राज्य हैं। हाल में जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि केरल, कर्नाटक, तमिलनाड़ू आदि राज्यों में नक्सली अपना नेटवर्क खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। पश्मिोत्तर में असम और अरुणाचल प्रदेश तक नक्सली कॉरीडोर बनाए जाने की सूचना भी सुरक्षा एजेंसियों के पास है।
बस्तर में सुकमा सबसे ज्यादा प्रभावित
बस्तर के सातों जिलों बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर, कांकेर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा के साथ ही राजनांदगांव को नक्सल मामलों में संवेदनशील बताया गया है, लेकिन सुकमा में सर्वाधिक नक्सली गतिविधियां दर्ज की गई हैं। 2017 में सुकमा में कई बड़ी घटनाएं दर्ज की गई।
कांकेरलंका और भेज्जी जैसी घटनाओं में सुरक्षा बलों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि, पिछले दो वर्षो में बस्तर में फोर्स का दबाव बढ़ा है और बड़े पैमाने पर नक्सलियों का सरेंडर तथा गिरफ्तारियां हुई हैं। खुद नक्सलियों ने माना है कि बस्तर में उनके 237 बड़े लीडर मारे गए हैं।
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