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तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में जानिए कांग्रेस के हिस्‍से में आईं कितनी सीटें, द्रमुक का पलड़ा रहा भारी

राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए गठबंधन को जरूरी मान रही कांग्रेस ने अपेक्षित सीटें नहीं मिलने के बावजूद तमिलनाडु में द्रमुक के साथ गठबंधन पर मुहर लगा दी है। कांग्रेस सूबे की 234 में से केवल 25 विधानसभा सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 10:32 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 06:58 AM (IST)
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में जानिए कांग्रेस के हिस्‍से में आईं कितनी सीटें, द्रमुक का पलड़ा रहा भारी
तमिलनाडु में कांग्रेस ने द्रमुक के साथ गठबंधन पर मुहर लगाई। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए गठबंधन को जरूरी मान रही कांग्रेस ने अपेक्षित सीटें नहीं मिलने के बावजूद तमिलनाडु में द्रमुक के साथ गठबंधन पर मुहर लगा दी है। द्रमुक के साथ हुए समझौते के तहत कांग्रेस सूबे की 234 में से केवल 25 विधानसभा सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी। द्रमुक से बीते करीब दो दशक के गठबंधन में कांग्रेस के खाते में सीटों की यह सबसे कम संख्या है। इसके अलावा द्रमुक ने कन्याकुमारी लोकसभा सीट के उपचुनाव में भी कांग्रेस के उम्मीदवार का समर्थन करने का फैसला किया है। 

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तमिलनाडु के कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडूराव और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केएस अलागिरी ने रविवार को द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन से चेन्नई में मुलाकात के बाद सीट बंटवारे को लेकर समझौता करने की घोषणा की। तमिलनाडु कांग्रेस इतनी कम सीटों पर गठबंधन के लिए तैयार नहीं थी और बीते दो-तीन दिनों में तो अलागिरी ने सीटों के प्रस्ताव को कांग्रेस के लिए अपमानजक करार देते हुए गठबंधन टूट जाने तक की बात कही थी, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश नेताओं को भावनाओं में बहने के बजाय मौजूदा राजनीतिक चुनौती में भाजपा को शिकस्त देने को तवज्जो देने की बात समझायी। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने खुद शनिवार को अलागिरी से फोन पर बात कर सीटों की संख्या को लेकर द्रमुक से तकरार नहीं करने की बात समझायी। 

अलागिरी व गुंडूराव ने द्रमुक से समझौते के बाद कहा भी कि गठबंधन को सीटों की संख्या के हिसाब से नहीं देखना चाहिए, बल्कि देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे और लोकतंत्र पर हो रहे प्रहार के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के नजरिये से देखा जाना चाहिए। द्रमुक ने शुरुआत में कांग्रेस को 18 सीटों का प्रस्ताव दिया था और काफी मशक्कत के बाद इसे बढ़ाकर 22 किया और फिर 25 सीटों की आखिरी सीमा तय कर दी। साथ ही कांग्रेस को अगले साल राज्यसभा की एक सीट देने का आश्वासन दिया। 

तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि जून 2022 में सूबे से राज्यसभा की छह सीटें खाली होंगी, जिनमें से एक सीट कांग्रेस को देने का स्टालिन ने वादा किया है। राज्य के पिछले विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तहत द्रमुक ने कांग्रेस को 41 सीटें दी थीं। पिछली बार के मुकाबले उसकी सीटों की संख्या 16 घट गई है। कन्याकुमारी लोकसभा सीट वैसे भी कांग्रेस के खाते की थी और उसके सांसद वसंत कुमार का पिछले साल कोरोना से निधन हो गया था। इस लिहाज से भविष्य की एक राज्यसभा सीट के आश्वासन पर इतनी कम सीटों पर कांग्रेस गठबंधन को राजी हो गई। द्रमुक प्रमुख स्टालिन ने बिहार में राजद से गठबंधन में अधिक सीटें लेने के बावजूद कांग्रेस के लचर प्रदर्शन को देखते हुए साफ कर दिया था कि तमिलनाडु में सियासी वास्तविकता को देखते हुए वे उसे कम सीटें देंगे।


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