OTT Platforms: हर दो में एक भारतीय कर रहा स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग, रिपोर्ट में हुए हैरान करने वाले खुलासे
भारत में अश्लील कंटेंट के बढ़ते मामलों को लेकर सरकार ने कई ओटीटी प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाया है। लोकल सर्कल्स के सर्वेक्षण में पाया गया कि हर दो में से एक भारतीय स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म का उपयोग कर रहा है। 53% लोग ज्यादा कंटेंट देखते हैं। लोगों का मानना है कि अश्लील कंटेंट रोकने के लिए सख्त नियम जरूरी हैं। 35% के पास एक से ज्यादा सब्सक्रिप्शन हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म पर अश्लील कंटेंट के बढ़ते भार मामलों को लेकर सरकार ने कई ओटीटी प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाया है। हालांकि, लोकल सर्कल्स द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि जमीनी स्तर पर बदलाव लाने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
इस सर्वेक्षण में भारत के 329 जिलों के लोगों से जानकारी जुटाई गई जिसमें पाया गया कि हर दो में से एक भारतीय कंटेंट सुनने या देखने के लिए स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म का उपयोग कर रहा है।
सामने आई ये जानकारियां
सर्वेक्षण में ये भी पाया गया कि विभिन्न भाषाओं में कंटेंट उपलब्ध कराने वाले कई ऑडियो और वीडियो प्लेटफॉर्म के कारण, दो में से एक भारतीय स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहा है।
एक सर्वेक्षण के दौरान 53 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर ज्यादा कंटेंट देखते हैं। वहीं, 46 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर कंटेंट नहीं देखते हैं। इसके अलावा एक प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह इसका जवाब नहीं जानते।
सख्त नियम जरूरी
सर्वेक्षण में शामिल लोगों का मानना है कि अश्लील और अभद्र भाषा वाले कंटेंट का प्रसार रोकने के लिए मौजूदा नियम प्रभावी नहीं हैं। इसलिए, सरकार को इस मुद्दे पर प्राथमिकता से कार्रवाई करनी चाहिए और नियमों को अपडेट करना चाहिए।
इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यदि प्लेटफार्म ऐसे कंटेंट को तुरंत नहीं हटाते हैं, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए। एआइ जैसी तकनीकों के माध्यम से इसे लागू करना अपेक्षाकृत आसान होना चाहिए। सर्वेक्षण में अधिकांश लोगों ने स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म के लिए सख्त नियमों की मांग की।
लोगों के पास एक से ज्यादा सब्सक्रिप्शन
आडियो/वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म इस्तेमाल करने वालों में से 35 प्रतिशत के पास एक या एक से ज्यादा सशुल्क सब्सक्रिप्शन हैं। हालांकि हर महीने दी जाने वाली सब्सक्रिप्शन राशि कम हो सकती है, लेकिन यह दर्शाता है कि ये प्लेटफार्म कई भारतीयों के लिए कंटेंट का प्राथमिक स्रोत बन गए हैं।
अश्लील कंटेंट तक बच्चों की आसान पहुंच
सर्वेक्षण में बच्चों तक अश्लील कंटेंट की पहुंच को लेकर भी चिंता जताई गई। 22 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके घर में 13 साल से कम उम्र के बच्चे हैं जिनके पास एक या एक से अधिक स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म अकाउंट हैं। 59 प्रतिशत उपभोक्ताओं का कहना है कि प्लेटफार्म स्पष्ट या वयस्क सामग्री को अलग नहीं करते हैं, जिससे बच्चे इसके संपर्क में आ जाते हैं।
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