MP News: भोपाल गैस त्रासदी के मामलों का शीघ्र निस्तारण करने का आदेश, रजिस्ट्रार जनरल को देनी होगी मासिक प्रगति रिपोर्ट
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने बुधवार को 1984 की भोपाल गैस त्रासदी से संबंधित एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि 40 वर्षों तक मामलों को लंबित नहीं रखा जा सकता। कोर्ट ने भोपाल स्थित ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि त्रासदी से जुड़े सभी लंबित मामलों का यथाशीघ्र निस्तारण किया जाए।

जेएनएन, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने बुधवार को 1984 की भोपाल गैस त्रासदी से संबंधित एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि 40 वर्षों तक मामलों को लंबित नहीं रखा जा सकता। कोर्ट ने भोपाल स्थित ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि त्रासदी से जुड़े सभी लंबित मामलों का यथाशीघ्र निस्तारण किया जाए।
भोपाल गैस पीडि़त संघर्ष सहयोग समिति द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को मासिक प्रगति रिपोर्ट हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सौंपने का आदेश भी दिया, जिसे मुख्य न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। यह याचिका जुलाई 2025 में दायर की गई थी।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजेश चंद ने बताया कि भोपाल के सीजेएम कोर्ट ने सात जून 2010 को आरोपितों को सजा सुनाई थी, लेकिन सभी आरोपितों ने सेशन कोर्ट में अपील दायर की थी, जो पिछले 15 वर्षों से लंबित है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को बताया गया कि मामला पांच अक्टूबर तक स्थगित कर दिया गया है।
राज्य शासन ने दलील दी कि सीबीआइ जांच एजेंसी है और एक आपराधिक अपील अब भी लंबित है। याचिकाकर्ता ने तर्क किया कि आरोपित अक्टूबर 2023 से अदालत में उपस्थित हो रहा है, फिर भी कोई आदेश नहीं हुआ है।
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