महाराष्ट्र में रेलवे स्टेशन का नाम उर्दू में भी लिखने का विरोध, छत्रपति साहूजी महाराज रेलवे स्टेशन पर लगा है बोर्ड
भाजपा विधायक संजय केनेकर ने मंगलवार को मांग की कि छत्रपति साहूजी महाराज रेलवे स्टेशन पर लगे बोर्ड से उर्दू लिपि में लिखा 'छत्रपति संभाजीनगर' नाम हटा दिया जाना चाहिए। दूसरी ओर मुंबई में मेट्रो स्टेशनों के नामकरण को लेकर कांग्रेस विरोध जता रही है। पिछले सप्ताह सरकार ने 'औरंगाबाद' रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर 'छत्रपति संभाजीनगर स्टेशन' करने की अधिसूचना जारी की थी।

उर्दू लिपि में लिखा 'छत्रपति संभाजीनगर' नाम हटाने की मांग (फोटो- एक्स)
राज्य ब्यूरो, मुंबई। भाजपा विधायक संजय केनेकर ने मंगलवार को मांग की कि छत्रपति साहूजी महाराज रेलवे स्टेशन पर लगे बोर्ड से उर्दू लिपि में लिखा 'छत्रपति संभाजीनगर' नाम हटा दिया जाना चाहिए। दूसरी ओर मुंबई में मेट्रो स्टेशनों के नामकरण को लेकर कांग्रेस विरोध जता रही है।
पिछले सप्ताह सरकार ने 'औरंगाबाद' रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर 'छत्रपति संभाजीनगर स्टेशन' करने की अधिसूचना जारी की थी। तीन साल पहले इस शहर का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर किया गया था।
महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य केनेकर ने कहा कि जब अधिसूचना में भाषा (उर्दू) का उल्लेख नहीं है, तो उस भाषा को बोर्ड पर क्यों लिखा जा रहा है। अधिसूचना में केवल हिंदी, अंग्रेजी और मराठी का उल्लेख है। उर्दू में नाम देखकर मैं हैरान रह गया।
बता दें कि कुछ वर् पहले तक औरंगाबाद के नाम से जाना जाने वाला छत्रपति संभाजीनगर 1948 तक हैदराबाद के निजाम के राज्य का हिस्सा था।
उर्दू लिपि में नाम लिखे जाने के भाजपा नेता के विरोध पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के महाराष्ट्र अध्यक्ष और पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि हमें यहां पिट लाइन (मेंटेनेंस ट्रैक) के उद्घाटन की उम्मीद थी, लेकिन वे तो बोर्डों का उद्घाटन कर रहे हैं। यदि भाजपा को दूसरी भाषाएं नहीं आतीं तो यह उनकी समस्या है।
मुंबई के भूमिगत मेट्रो स्टेशनों के नामों को लेकर कांग्रेस ने की भाजपा की आलोचना
मुंबई कांग्रेस ने मुंबई के भूमिगत मेट्रो स्टेशनों के नामों को लेकर भाजपा की आलोचना करते हुए उस पर राष्ट्र के प्रतीकों का अपमान करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस की मुंबई इकाई ने मंगलवार को एक्वा लाइन पर कई मेट्रो स्टेशनों के नामों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि भाजपानीत सरकार ने महाराष्ट्र की महान हस्तियों का अपमान किया है।
सिद्धिविनायक, महालक्ष्मी, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और आचार्य अत्रे चौक सहित अन्य मेट्रो स्टेशनों के नामों से पहले विभिन्न कंपनियों के नाम अंकित किए गए हैं।

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