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    Constitution Day: रौशनी से जगमगाया संसद और राष्ट्रपति भवन, संसद की संयुक्त बैठक का बहिष्कार कर सकता है विपक्ष

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 26 Nov 2019 08:33 AM (IST)

    26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारतीय संविधान को स्वीकार किया था। राष्ट्रपति भवन रोशनी से जगमगा रहा है।इसके साथ ही संसद भवन को भी रंगो और रोशनी से स ...और पढ़ें

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    Constitution Day: रौशनी से जगमगाया संसद और राष्ट्रपति भवन, संसद की संयुक्त बैठक का बहिष्कार कर सकता है विपक्ष

    नई दिल्ली, प्रेट्र। देशभर में आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है। 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा ने भारतीय संविधान को स्वीकार किया था। राष्ट्रपति भवन रोशनी से जगमगा रहा है। इसके साथ ही संसद भवन को भी रंगो और रोशनी से सराबोर कर दिया गया है। देश के अलग- अलग जगहों पर संविधान दिवस को लेकर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। 

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    संसद के केंद्रीय कक्ष में मनाई जाएगी संविधान की 70वीं वर्षगांठ

    सरकार संविधान सभा द्वारा संविधान अंगीकार किए जाने की 70वीं वर्षगांठ संसद के केंद्रीय कक्ष में मनाएगी। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसदों को संबोधित करेंगे। राष्ट्रपति वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये एक डिजिटल प्रदर्शनी का भी उद्घाटन करेंगे।

    संसद की संयुक्त बैठक का बहिष्कार कर सकता है विपक्ष

    कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दल मंगलवार को संविधान दिवस के मौके पर संसद की संयुक्त बैठक का बहिष्कार कर सकते हैं।  सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस, वाम दलों, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक घटनाक्रम के विरोध में संसद परिसर में स्थित आंबेडकर प्रतिमा के समीप संयुक्त विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। 

    छत्तीसगढ़ विधानसभा में संविधान दिवस पर विशेष चर्चा

    छत्तीसगढ़ की विधानसभा में संविधान दिवस पर विशेष चर्चा होगी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में संविधान दिवस पर विशेष चर्चा का प्रस्ताव है। इस दिन संविधान से जुड़े विषयों पर चर्चा होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 26 नवंबर संविधान दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। बघेल ने कहा है कि 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अंगीकृत किया था। लंबे संघर्ष से मिली आजादी के बाद विविधता भरे भारत को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित करना एक महती जिम्मेदारी थी। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान निर्माताओं ने सभी वर्गों की भावनाओं और जन अपेक्षाओं को संविधान में समाहित कर सशक्त राष्ट्र निर्माण के सपने को बखूबी पूरा किया है।

    मर्यादा का पाठ पढ़ेंगे माननीय, संविधान पर केंद्रित रहेगा सदन

    हरियाणा विधानसभा आज नया इतिहास रचेगी। संविधान को अपनाने की 70वीं वर्षगांठ पर पहली बार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है जिसमें सभी विधायकों को मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की शपथ दिलाई जाएगी। साथ ही विधानसभा के उपाध्यक्ष का चुनाव होगा और ग्राम सभाओं को गांवों में ठेके खोलने या नहीं खोलने देने का अधिकार देने संबंधी बिल पारित होगा। विधानसभा का विशेष सत्र पूरी तरह हटकर होगा। सदन पटल पर शोक प्रस्ताव तो आएंगे, लेकिन प्रश्नकाल, काम रोको प्रस्ताव और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव नहीं होने से विपक्षी दलों के हाथ बंधे रहेंगे। इससे सदन में हर बार दिखाई देने वाला हंगामे का नजारा इस बार नहीं दिखेगा।

    संविधान दिवस पर आज वल्लभ भवन के सामने होगी शपथ

    संविधान दिवस पर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में वल्लभ भवन के सामने सरदार पटेल पार्क में आज शपथ दिलाई जाएगी। राजभवन में इस अवसर पर आयोजित सेमिनार में प्रदेश के सभी जज शामिल होंगे और संविधान पर चर्चा करेंगे। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में मंत्रालय सहित विंध्याचल तथा सतपुड़ा भवन के अधिकारियों/कर्मचारियों को उपस्थित रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। इस अवसर पर भारत के संविधान की उद्देशिका का वाचन किया जाएगा।  राज्यपाल लालजी टंडन के निर्देश पर संविधान दिवस पर राजभवन के नवनिर्मित सभागार 'सांदीपनि' में संविधान पर चर्चा के लिए प्रदेश के सभी जिलों से जजों को बुलाया गया है।