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    वित्तीय हिस्सेदारी का आरोप लगा केंद्र के खिलाफ मुखर हो रहे विपक्षी राज्य, कर्नाटक सरकार ने दिल्ली में किया प्रदर्शन

    By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey
    Updated: Wed, 07 Feb 2024 07:33 PM (IST)

    लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्षी राज्य केंद्रीय करों में वाजिब वित्तीय हिस्सेदारी को मुद्दा बना रहे हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अगुवाई में राजधानी दिल्ली में बुधवार को सूबे की पूरी सरकार के साथ राज्य के कांग्रेस विधायकों-सांसदों का वाजिब हिस्सेदारी की मांग करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन ने इस मुद्दे को गरम कर दिया है।

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    वित्तीय हिस्सेदारी का आरोप लगा केंद्र के खिलाफ मुखर हो रहे विपक्षी राज्य। (फोटो, एक्स)

    संजय मिश्र, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्षी राज्य केंद्रीय करों में वाजिब वित्तीय हिस्सेदारी को मुद्दा बना रहे हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अगुवाई में राजधानी दिल्ली में बुधवार को सूबे की पूरी सरकार के साथ राज्य के कांग्रेस विधायकों-सांसदों का वाजिब हिस्सेदारी की मांग करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन ने इस मुद्दे को गरम कर दिया है।

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    कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक की ओर से इसके जरिए उठाई गई आवाज के सुर अभी धीमे भी नहीं पड़े हैं कि केरल की वाममोर्चा गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन अपने लाव-लश्कर के साथ राज्य का हिस्सा देने का दबाव बनाने के लिए राजधानी पहुंच चुके हैं। विजयन की अगुवाई में केरल सरकार के मंत्री और उनके सांसद-विधायक गुरूवार को दिल्ली में अपनी हिस्सेदारी देने की आवाज उठाते हुए केंद्र सरकार को घेरने का प्रयास करेंगे।

    पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु ने केंद्र पर साधा निशाना

    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी राज्यों का हिस्सा नहीं देने का सवाल उठाते हुए पिछले काफी समय से केंद्र सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। संसद के पिछले सत्र में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल सरकार के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों ने दिल्ली पहुंच मनरेगा के अटके पैसे समेत वित्तीय सहायता रोकने को लेकर केंद्र के खिलाफ आक्रामक विरोध प्रदर्शन किया।

    कर्नाटक को 1.87 लाख करोड़ रूपए का नुकसान हुआ

    कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार की राज्य को अपेक्षित वित्तीय हिस्सेदारी नहीं देने के सवाल पर बुधवार को किए गए विरोध-प्रदर्शन ने इस विवाद का आयाम बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने केंद्रीय टैक्स में वाजिब हिस्सा नहीं मिलने और कई केंद्रीय अनुदानों में कटौती की बात उठाते हुए कहा कि बीते छह साल के दौरान कर्नाटक को इसकी वजह से 1.87 लाख करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है।

    संघीय सिद्धांतों को कमजोर करने के प्रयास हो रहे

    वहीं, केरल सरकार की ओर से राज्य के हक की लड़ाई के लिए गुरूवार को किए जाने वाले विरोध-प्रदर्शन से पूर्व मुख्यमंत्री विजयन ने भी आरोप लगाया कि हमारे संविधान में निहित संघीय सिद्धांतों को कमजोर करने के प्रयास हो रहे हैं, जिसके खिलाफ खड़ा होकर विरोध-प्रदर्शन करने का समय आ गया है।

    उत्तर-दक्षिण विवाद को हवा देने की कोशिश

    विजयन ने उत्तर-दक्षिण विवाद को भी हवा देने की कोशिश की और कहा कि केंद्र सरकार दक्षिणी राज्य केरल को उसके इतिहास के सबसे खराब वित्तीय संकट की ओर धकेल रही है। द्रमुक शासित तमिलनाडु भी केंद्र पर वित्तीय अनदेखी को लेकर सवाल दागता रहा है। सूबे में हाल में आयी प्राकृतिक आपदा से निपटने में केंद्र से पर्याप्त मदद नहीं मिलने को लेकर भी स्टालिन सरकार ने अपनी नाखुशी जाहिर करने से परहेज नहीं किया।

    स्टालिन ने केंद्र पर संविधान के अनुच्छेद 293 के तहत अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके राज्यों के उधार लेने के विकल्पों में भी रोड़ा अटकाने का आरोप लगाया।

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