राष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ कोविंद अौर मीरा कुमार सहित 64 नामांकन पत्र दाखिल
राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आज आखिरी दिन है।
नई दिल्ली, जेएनएन। राष्ट्रपति चुनाव के लिए 17 विपक्षी दलों की उम्मीदवार मीरा कुमार अाज संसद भवन पहुंचकर अपना नामांकन दाखिल किया। इससे पहले राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद सहित 64 नामांकन पत्र भरे जा चुके हैं। नामांकन भरते वक्त मीरा कुमार के साथ सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और 17 विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे। मीरा कुमार ने नामांकन पत्र के चार सेट लोकसभा महासचिव के समक्ष दाखिल किया। राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा महासचिव निर्वाचन अधिकारी हैं। 17 विपक्षी दलों में से प्रत्येक के नेता को मीरा कुमार के नाम का प्रस्ताव या अनुमोदन करने का अवसर मिला।
नामांकन के समय मीरा कुमार के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा विपक्ष के अन्य नेता उपस्थित थे। इससे पहले वह सुबह 10 बजे ‘राजघाट’ पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद अपने पिता बाबू जगजीवन राम की समाधि स्थल ‘समता स्थल’ जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
नामांकन से एक दिन पहले मीडिया से रूबरू हुई मीरा कुमार ने कहा कि 17 पार्टियों का उन पर जताया गया विश्वास उनके लिए सम्मान की बात है।
Opposition Presidential candidate #MeiraKumar files her nomination pic.twitter.com/MGc1LJYmFo— ANI (@ANI_news) June 28, 2017
राष्ट्रपति चुनाव को दलित बनाम दलित बताए जाने को गलत करार देते हुए विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह जाति व्यवस्था के ढांचे को खत्म कर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा को मुद्दा बनाएंगी। मीरा कुमार इस चुनाव को वैचारिक लड़ाई बनाने के लिए अपने प्रचार अभियान का आगाज साबरमती के गांधी आश्रम से करेंगी।
मीरा ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि जाति की मानसिकता को गठरी में बांधकर नीचे दबा समाज को आगे बढ़ना चाहिए। इस वक्त देश हित सर्वोपरि है और जो विचारधारा प्रेस की आजादी, पारदर्शिता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और समावेशी समाज में विश्वास रखती है उसी में देश हित है। इसीलिए उन्होंने अंतरात्मा की आवाज की अपील की है।
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मीरा ने कहा कि यह जातिगत लड़ाई नहीं है और अच्छी बात है कि इसको लेकर चर्चा हो रही है क्योंकि इससे समाज की असलियत सामने आ रही है। उन्होंने यह सवाल उठाया कि जब राष्ट्रपति चुनाव में दो उच्च जातियों के प्रत्याशी आमने-सामने थे तब जाति का सवाल नहीं उठा और उनके गुणों पर बात हुई।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के स्पीकर के रुप में खुद पर पक्षपात करने के लगाए आरापों को मीरा कुमार ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि स्पीकर के तौर पर उनके कामकाज की सत्ता और विपक्ष दोनों की तरफ से सार्वजनिक रुप से प्रशंसा की गई। पिछले लोकसभा के आखिरी सत्र में सभी दलों के नेताओं की ओर से दिए गए भाषण के रिकार्ड होने का हवाला देते हुए मीरा ने कहा कि उन्होंने न कभी पक्षपात किया और न ही किसी ने आरोप लगाया।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आज आखिरी दिन है। राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को होना निर्धारित है तथा मतगणना 20 जुलाई को होगी।
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