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किसान से लेकर चाय बेचने वाले तक हैं राष्ट्रपति पद की दौड़ में, जानिए- मकसद

अलग-अलग पृष्ठभूमि से आने के बावजूद इनमें एक समानता है कि ये सभी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर काफी आशान्वित हैं।

By Srishti VermaEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 10:05 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 10:55 AM (IST)
किसान से लेकर चाय बेचने वाले तक हैं राष्ट्रपति पद की दौड़ में, जानिए- मकसद

नई दिल्ली (जेएनएन)। पूरे देश में राष्ट्रपति की चुनाव की बयार जोरों पर है। अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए क्लर्क, किसान से लेकर वकील तक सभी अपनी किस्मत आजमाने में लगे हैं। लालू प्रसाद यादव बिहार में एक क्लर्क रह चुके हैं। तमिलनाडु के अग्नि श्रीरामचंद्रन एक किसान हैं, अजय कुमार गुप्ता उत्तराखंड में एक वकील हैं। इनके अलावा आनंद सिंह कुशवाहा मध्य प्रदेश में चाय बेचने वाले रह चुके हैं और मोहम्मद अब्दुल हमीद पाटिल महाराष्ट्र के एक कंस्ट्रक्शन में नौकरी कर चुके हैं।

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अलग-अलग पृष्ठभूमि से आने के बावजूद इनमें एक समानता है कि ये सभी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर काफी आशान्वित हैं। इन्होंने 15,000 रुपए जमा कराकर अगले महीने होने वाले देश के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना नॉमिनेशन फाइल किया है। ऐसी संभावना नजर आ रही है कि इनमें से कोई भी अपना नॉमिनेशन वापस नहीं लेंगे। लेकिन जांच के दौरान उनके नामांकन पत्र को खारिज कर दिया जा सकता है।

हरिद्वार के गुप्ता भारत के राष्ट्रपति पद की दावेदारी को लेकर कहते हैं, "रबर युग समाप्त हो जाएगा।" वहीं दूसरी तरफ पाटिल ने राष्ट्रपति बनने के 24 घंटे के भीतर कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने की गारंटी दी है। उन्होंने कहा, "मैं कश्मीर से आतंकवाद को खत्म कर दूंगा जो कि देश की सबसे बड़ी आंतरिक समस्या है। कार्यालय संभालने के 24 घंटों के भीतर, मैं पाकिस्तान को एक सबक सिखाया जाएगा और कश्मीर में शांति बहाल की जाएगी।"

इस समय राष्ट्रपति पद के लिए 65 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन दायर किए हैं, जिनमें एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद शामिल हैं। विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार बुधवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगी। चुनावी अधिकारियों ने पहले से ही 12 उम्मीदवारों के नामांकन को खारिज कर दिया है। 

इस रेस में महाराष्ट्र के हामिद पाटिल की पत्नी, साइरा बानो भी हैं। वो कहती हैं, अपने पति की तरह विजयी होने पर उनका उद्देश्य सशस्त्र बलों में अधिक से अधिक महिलाओं को भर्ती करना होगा। क्योंकि राष्ट्र की रक्षा में महिलाएं पुरुष से कमतर नहीं होती हैं। "

इन सबसे अलावा, लालू यादव को बिहार के जाने माने नेता हैं। वाराणसी के वकील नरेन्द्र दुबे अडीग ने इससे पहले चार बार राष्ट्रपति चुनाव लड़ा है, और इस बार एक बार फिरसे उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया है।
तमिलनाडु के श्रीरामचंद्रन ने राजनीति में एक प्रतिष्ठित पहचान बनाई है, जो पूर्व मुख्यमंत्री के करुणानिधि, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनावी मैदान में पहले उतर चुके हैं।
 

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