Opposition March: अदाणी मुद्दे पर आर-पार के लिए उतरा विपक्ष, ईडी निदेशक को 18 विपक्षी नेताओं ने भेजी शिकायत
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने विरोध मार्च रोके जाने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि विपक्षी सांसदों को अदाणी मामले की व्यापक जांच कराने की शिकायत दर्ज कराने से रोका जा रहा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विपक्ष ने अदाणी मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति की मांग को लेकर संसद के साथ ही सड़क पर उतरकर सरकार से आर-पार की सियासी लड़ाई के इरादे साफ कर दिए हैं।
राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान पर संसद में सत्ता पक्ष के संग्राम में अदाणी मुद्दे की आंच धीमी न पड़ जाए इसके मद्देनजर विपक्षी दलों के सांसदों ने भी रणनीति बदलते हुए बुधवार को संसद से ईडी दफ्तर तक मार्च निकालने की कोशिश की।
विपक्षी दलों ने ED को लिखा पत्र
बता दें कि पुलिस की भारी नाकेबंदी के चलते विपक्षी सांसदों का मार्च विजय चौक से आगे निकल नहीं पाया तब 18 विपक्षी दलों के नेताओं ने ईडी को ई-मेल से शिकायती पत्र भेज अदाणी समूह के शेयरों की कीमतों में हेरफेर की जांच की मांग की।
विपक्षी नेताओं ने ईडी को भेजे इस पत्र में अपने अदाणी समूह पर कथिततौर पर शेल कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग और कई अन्य अनियमितता के आरोप लगाते हुए ईडी निदेशक से इसकी जांच शुरू करने का अनुरोध किया है।
TMC ने चुनी अपनी अलग राह
मल्लिकार्जुन खरगे ने विरोध मार्च रोके जाने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि विपक्षी सांसदों को अदाणी मामले की व्यापक जांच कराने की शिकायत दर्ज कराने से रोका जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस पहले से ही अदाणी मुद्दे पर अपनी अलग राह पर चल है, मगर विपक्ष के इस मार्च में एनसीपी के सांसद शामिल नहीं हुए।
ED को लिखे संयुक्त पत्र में इन दलों ने किए हस्ताक्षर
अदाणी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए लिखे विपक्षी नेताओं के संयुक्त पत्र में नेता विपक्ष खरगे के अलावा भाकपा, माकपा, जदयू, शिवसेना (यूबीटी), राजद, द्रमुक, झामुमो, आईयूएमएल, वीसीके, केरल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी आदि दलों के सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। विपक्षी नेताओं ने ईडी प्रमुख से कहा है कि ईडी अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकता। हम अच्छी तरह वाकिफ हैं कि कैसे हाल के दिनों में ईडी ने भी कथित राजनीतिक पक्षपात के मामलों को उत्साहपूर्वक आगे बढ़ाया है।
अदाणी मामले में सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति का हवाला देते हुए पत्र में कहा गया है कि इसके जांच का दायरा सीमित है, इसलिए हम ईडी को इंगित कर रहे कि वह ऐसे अन्य आधारों पर अपने अधिकार क्षेत्र को न ही बदल सकता है और न हीं छोड़ सकता है।
अदाणी समूह से जुड़ी शिकायतों का हवाला देते हुए पत्र में आरोप लगाया गया है कि पिछले तीन महीनों में इस समूह के खिलाफ कई महत्वपूर्ण साक्ष्य उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन अपनी दृढ़ता और निष्पक्षता के दावों के अनुरूप ईडी ने इन गंभीर आरोपों की प्रारंभिक जांच भी अभी शुरू नहीं की है।
कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने ई-मेल से ईडी निदेशक को भेजे गए शिकायती पत्र को ट्विटर पर साझा किया जिसमें अदाणी समूह पर कारपोरेट धोखाधड़ी, राजनीतिक भ्रष्टाचार, स्टॉक कीमतों में हेरफेर, शेल कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर सार्वजनिक संसाधनों के दुरुपयोग जैसे कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
विपक्षी कितने भी भड़कें, भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं रुकेगी कार्रवाई: बलूनी
भाजपा ने विपक्षी सांसदों की ओर से सरकार और जांच एजेंसियों पर लगाए गए आरोप को हताशा और भय करार दिया। भाजपा प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने कहा कि विपक्ष जिस तरह व्यवहार कर रहा है उसका संदेश जनता भी समझ रही है। विपक्ष चाहता है कि जैसा पहले चलता रहा था, वही अब भी चले। वह भ्रष्टाचार करें, लेकिन जांच न हो। जनता के पैसों की लूट हो, लेकिन उन पर कोई उंगली न उठे।
उन्होंने कहा कि कंबल ओढ़कर घी पीते रहें, लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार ने पहले ही दिन से भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाया है। कोई कितने भी उंचे पद पर हो, किसी भी कितना भी बड़ा सियादी कद क्यों न हो, अगर जनता के पैसों की लूट की है, तो बच नहीं सकते। एजेंसी जांच कर रही है, तो उन्हें मदद करनी चाहिए थी, लेकिन सभी एक-दूसरे का हाथ थामकर जांच रोकना चाहते हैं। यह नहीं हो सकता है।