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    Operation Trishul: अपहरण और हत्या का भगोड़ा आरोपित सऊदी अरब से लाया गया भारत, CBI ने दी प्रत्यर्पण की जानकारी

    By AgencyEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Sun, 12 Mar 2023 04:02 PM (IST)

    अधिकारियों ने कहा कि एक मामला जिसकी जांच कोझिकोड में कुन्नमंगलम पुलिस स्टेशन द्वारा की गई थी केरल पुलिस द्वारा 2006 में एक करीम के अपहरण और हत्या के संबंध में इसका कनेक्शन पाया गया था। उन्होंने कहा कि एन के आधार पर वह सऊदी अरब में स्थित था।

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    सीबीआई 'ऑपरेशन त्रिशूल' के तहत भगोड़ों को पकड़ने के लिए तीन-आयामी रणनीति का उपयोग कर रही है-

    नई दिल्ली, पीटीआई। सीबीआई रविवार को 'ऑपरेशन त्रिशूल' के तहत सऊदी अरब से प्रत्यर्पण के जरिए केरल पुलिस द्वारा वांछित अपहरण और हत्या के एक आरोपी को वापस देश लाई है। अधिकारियों ने बताया कि यह आरोपी पिछले साल से प्रत्यर्पित 33वां भगोड़ा है।

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    कौन है यह आरोपी मोहम्मद हनीफा मक्काटा

    मोहम्मद हनीफा मक्काटा, एक भगोड़ा है, जिसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस ( आरसीएन ) जारी किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि एक मामला, जिसकी जांच कोझिकोड में कुन्नमंगलम पुलिस स्टेशन द्वारा की गई थी, केरल पुलिस द्वारा 2006 में एक करीम के अपहरण और हत्या के संबंध में इसका कनेक्शन पाया गया था। उन्होंने कहा कि एन के आधार पर वह सऊदी अरब में स्थित था।

    ऑपरेशन त्रिशूल के लॉन्च के बाद से यह 33वीं सफलता

    एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऑपरेशन त्रिशूल के लॉन्च के बाद से, सीबीआई ने जनवरी 2022 से 33 अपराधियों को सफलतापूर्वक प्रत्यर्पित किया है, जिसमें संघीय एजेंसी ने 2022 में 27 और 2023 में छह भगोड़ों को वापस लाया है। अधिकारियों ने कहा कि मक्काटा जनवरी 2022 से भारत वापस लाया गया 33वां भगोड़ा है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के तहत, इंटरपोल की मदद से विदेशों में अपराधियों और अपराध की आय का पता लगाया जाता है और उन्हें वापस लाया जाता है।

    कैसे मिली सफलता

    अधिकारियों ने कहा कि सऊदी अरब की इंटरपोल इकाई ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को मक्काटा के ठिकाने के बारे में सूचित किया, जिसके बाद आरोपी को वापस भारत ले जाने के लिए एक टीम की मांग की गई। सीबीआई ने केरल पुलिस को सूचना दी, जो आरोपी को रविवार को सऊदी अरब से देश वापस लाई।

    ऑपरेशन त्रिशूल

    सीबीआई 'ऑपरेशन त्रिशूल' के तहत भगोड़ों को पकड़ने के लिए तीन-आयामी रणनीति का उपयोग कर रही है, जो भारतीय एजेंसियों को भरपूर लाभ दे रही है।

    • पहली रणनीति हिट इंटरपोल के माध्यम से एक भगोड़े का पता लगाना और उस सदस्य की देश से निर्वासन या प्रत्यर्पण की मांग करना है जहां वह छिपा हुआ है।
    • दूसरी रणनीति एजेंसी वित्तीय अपराधियों द्वारा अपराध की आय के फैलाव की पहचान करने के लिए इंटरपोल तंत्र - स्टार ग्लोबल फोकल प्वाइंट नेटवर्क, वित्तीय अपराध विश्लेषण फाइलें और अन्य चैनल भी जुटाती है, ताकि अपराध की ऐसी आय को पुनर्प्राप्त करने के लिए औपचारिक चैनलों के माध्यम से बाद के कदम उठाए जा सकें।
    • तीसरी रणनीति में शेल कंपनियों, धोखाधड़ी लेनदेन, मनी म्यूल्स और विश्व स्तर पर स्थित सह-अभियुक्तों पर आपराधिक खुफिया जानकारी उत्पन्न करके उनका समर्थन कर रहे नेटवर्क को खत्म करना शामिल है, ताकि संबंधित कानून-प्रवर्तन एजेंसियों को इंटरपोल के माध्यम से उपयुक्त कार्रवाई करने के लिए सूचित किया जा सके।

    आपको बता दें कि इंटरपोल के अनुसार, भारतीय एजेंसियां ​​वैश्विक स्तर पर 276 भगोड़ों की तलाश कर रही हैं, जिनमें कुछ हाई-प्रोफाइल आर्थिक अपराधी भी शामिल हैं।