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    'ऑपरेशन सिंदूर ने तीनों सेनाओं का तालमेल दिखाया', रक्षा मंत्रालय ने कहा- खुफिया जानकारी पर आधारित थी कार्रवाई

    Updated: Mon, 19 May 2025 04:18 AM (IST)

    रक्षा मंत्रालय के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली की शक्ति का प्रदर्शन है। पहलगाम हमले के जवाब में यह सावधानीपूर्वक योजना और खुफिया जानकारी पर आधारित था। पाकिस्तान के हमलों को भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने निष्प्रभावी कर दिया। इस ऑपरेशन में सेनाओं के बीच तालमेल और सरकार का सहयोग शामिल था।

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    ऑपरेशन न्यूनतम क्षति के साथ संचालित किया गया (फोटो: जागरण)

    पीटीआई, नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आपसी समन्वय की शक्ति और रणनीतिक दूरदृष्टि का प्रदर्शन किया है। इस ऑपरेशन में तीनों सेनाओं की संतुलित प्रतिक्रिया प्रदर्शित हुई, जिसमें सटीकता, पेशेवर अंदाज और उद्देश्य की झलक मिली।

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    ऑपरेशन सिंदूर पर प्रकाश डालते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पहलगाम हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई 'सावधानीपूर्वक तैयार योजना और खुफिया जानकारी पर आधारित दृष्टिकोण' पर केंद्रित थी, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि ऑपरेशन न्यूनतम क्षति के साथ संचालित किया गया।

    प्रभावी ढंग से निष्प्रभावी हुए हमले

    इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने प्रमुख भारतीय वायु सैनिक अड्डों और साजो-सामान संबंधी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर हमले शुरू किए। मंत्रालय ने कहा कि हालांकि इन कोशिशों को भारत की व्यापक और बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली द्वारा प्रभावी ढंग से निष्प्रभावी कर दिया गया।

    इस सफलता का मुख्य कारण एकीकृत कमान और नियंत्रण रणनीति (आईसीसीएस) थी, जिसने विभिन्न क्षेत्रों में वास्तविक समय में खतरे की पहचान, आकलन और रोकथाम को संभव बनाया। मंत्रालय ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के प्रत्येक क्षेत्र में सेनाओं के बीच प्रभावशाली तालमेल था और सरकार, एजेंसियों और विभागों द्वारा पूर्ण सहयोग दिया गया। यह आपरेशन भूमि, वायु और समुद्र में किया गया।

    यह भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के बीच तालमेल का एक निर्बाध प्रदर्शन था। वायु सेना ने पाकिस्तान में आतंकवादी बुनियादी ढांचे के खिलाफ सटीक हमले करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वायु सेना ने नूर खान एयर बेस और रहीमयार खान एयर बेस जैसे लक्ष्यों पर उच्च प्रभाव वाले हवाई अभियान चलाए। वायु सेना का मजबूत वायु रक्षा तंत्र सीमा पार से ड्रोन और यूएवी हमलों के जवाब में भारतीय हवाई क्षेत्र की रक्षा करने में महत्वपूर्ण साबित हुआ।

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