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    Operation Sindoor: भारत ने चुकता किया कंधार का भी हिसाब, मारा गया जैश-ए-मोहम्मद कमांडर रउफ असगर

    Updated: Thu, 08 May 2025 07:29 PM (IST)

    भारतीय सेना की सौर्य और साहस को दुनिया ने देखा। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने 100 से अधिक आतंकियों को मिट्टी में मिला दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर के 9 आतंकी ठिकानों पर हमले किए। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर का छोटा भाई अब्दुल रऊफ अजहर उन भी उन आतंकियों में शामिल है जो भारतीय सेना की कार्रवाई में मारा गया।

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    Operation Sindoor: कंधार विमान अपरहण का मुख्य सूत्रधार अब्दुल रउफ असगर मारा गया।

    नीलू रंजन, नई दिल्ली। Operation Sindoor। पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमले में भारत ने कंधार का हिसाब भी चुकता कर लिया। जैश ए मोहम्मद के बहावलपुर स्थित मुख्यालय में हुए हमले में कंधार विमान अपरहण का मुख्य सूत्रधार अब्दुल रउफ असगर (rauf asghar) मारा गया।

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    1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान आइसी 814 के अपहरण के बाद भारत को आतंकी सरगना मसूद अजहर के साथ दो अन्य आतंकियों को छोड़ना पड़ा था, जिसने बाद में जैश ए मोहम्मद जैसा दुर्दांत आतंकी संगठन खड़ा किया।

    मसूद अजहर ने खुद की अपने परिवार के 14 सदस्यों की मौत की पुष्टि

    रउफ असगर जैश ए मोहम्मद का आपरेशन प्रमुख होने के साथ ही मसूद अजहर का भाई भी था। सुरक्षा एजेंसी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार बहावलपुर के जैश मुख्यालय पर किये गए हमले में रउफ असगर के मारे जाने की पुष्टि हो गई है।

    मसूद अजहर के परिवार के सदस्यों के बीच बातचीत से उसकी मौत की पुष्टि हुई। ध्यान देने की बात है कि मसूद अजहर ने बुधवार को खुद अपने परिवार के 14 सदस्यों की मौत की पुष्टि की थी।

    मसूद अजहर ने रउफ को बनाया था जैश का ऑपरेशनल चीफ

    इसके साथ ही रोते हुए अपने लिए भी मौत की कामना थी। जाहिर है मसूद अजहर के आंसू रउफ असगर के लिए भी होंगे, जिसने कंधार विमान अपहरण कर उसे कश्मीर की जेल से बाहर निकाला था। कंधार विमान अपहरण की जांच में साबित हुआ कि 24 दिसंबर 1999 को अपहरण के समय खुद रउफ असगर विमान में मौजूद था।

    आजाद होने के बाद मसूद अजहर ने जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन बनाया और रउफ को इसका ऑपरेशनल चीफ बना दिया।

    सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार 2001 के संसद हमले से लेकर 2016 के पठानकोट एयरबेस हमले जैसे कई आतंकी हमलों में रउफ अगसर की सक्रिय भूमिका के सबूत मिले हैं। लेकिन आइएसआइ और पाकिस्तानी सेना के संरक्षण में वह बेखौफ रह रहा था। एजेंसियों के अनुसार रउफ की मौत के बाद जैश ए मोहम्मद की आतंकी हमलों की क्षमता पर खासा असर पड़ेगा।

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