1400 से अधिक URL के खिलाफ सरकार का एक्शन, भारत विरोधी कंटेट प्रसारित करने का आरोप
सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान डिजिटल मीडिया पर 1400 से अधिक यूआरएल को ब्लॉक करने के निर्देश दिए। यह कदम झूठी भ्रामक और भारत विरोधी सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए उठाया गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि कई प्लेटफॉर्म भारत के खिलाफ गलत सूचना फैला रहे थे।

आईएएनएस, नई दिल्ली। सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान डिजिटल मीडिया पर 1,400 से अधिक यूआरएल को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं, क्योंकि उनके कंटेंट में झूठी, भ्रामक, भारत विरोधी समाचार सामग्री, साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री (मुख्य रूप से पाकिस्तान स्थित इंटरनेट मीडिया खातों से) और भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ भड़काऊ सामग्री शामिल थी।
केंद्रीय रेल और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि भारत के बाहर से संचालित हो रहे कुछ इंटरनेट मीडिया हैंडल समेत कई डिजिटल प्लेटफॉर्म पहलगाम आतंकवादी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान झूठी और संभावित रूप से हानिकारक जानकारी का सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे थे।
मीडिया चैनलों को दी थी एडवाइजरी
उन्होंने कहा, 'सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69ए के तहत सरकार ने भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के हित में वेबसाइटों, इंटरनेट मीडिया हैंडल और पोस्ट को ब्लॉक करने के लिए आवश्यक आदेश जारी किए।' 26 अप्रैल, 2025 को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का लाइव कवरेज दिखाने से बचने के लिए एक सलाह जारी की थी।
'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान एक केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया था ताकि अंतर-विभागीय और अंतर-क्षेत्रीय समन्वय किया जा सके। यह सभी मीडिया हितधारकों को वास्तविक समय में जानकारी प्रदान करने में सहायक था। इस नियंत्रण कक्ष में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के नोडल प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न सरकारी मीडिया इकाइयों के अधिकारियों और प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) अधिकारियों को शामिल किया गया था। फर्जी समाचार और गलत जानकारी फैलाने वाले इंटरनेट मीडिया हैंडल और पोस्ट को सक्रिय रूप से पहचाना गया।
43 ओटीटी के खिलाफ हुआ एक्शन
- सरकार ने अब तक स्पष्ट, वयस्क, हिंसक या सांस्कृतिक रूप से असंवेदनशील सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए 43 ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्मों को ब्लॉक किया है और कानूनी और नैतिक मानकों का पालन सुनिश्चित किया है। यह जानकारी बुधवार को संसद में दी गई। लोकसभा में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने एक लिखित उत्तर में बताया कि नियमों के भाग-तीन में डिजिटल समाचार प्रकाशकों और ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट (ओटीटी प्लेटफॉर्मों) के प्रकाशकों के लिए एक नैतिकता कोड प्रदान किया गया है।
- मंत्री ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्मों को बच्चों के लिए उम्र-आधारित स्व-श्रेणीकरण करने की भी बाध्यता है, जो नियमों के अनुसूची में दिए गए सामान्य दिशानिर्देशों के आधार पर है, जिसमें नग्नता, सेक्स और हिंसा से संबंधित चित्रण के प्रविधान शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन ने बताया कि सरकार अपनी किसी भी परियोजना में मीडिया इंफ्लूएंसर को नियुक्त करने के मूड में नहीं है।
सेवा विस्तार पर दिया जवाब
सरकार ने कहा कि आईएएस, आईपीएस व अन्य अधिकारियों को सेवानिवृत्ति के बाद सेवा विस्तार विशेष परिस्थितियों में और जनहित में दिया जाता है। यह बयान उस प्रश्न के उत्तर में आया जिसमें पिछले पांच वर्षों में सेवानिवृत्ति के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारियों को दिए गए विस्तार की संख्या के विवरण की मांग की गई थी।
केंद्रीय राज्य मंत्री (कार्मिक) जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में कहा, 'सेवानिवृत्ति के बाद सेवा का विस्तार विशेष परिस्थितियों में जनहित में अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को दिया जाता है, जो कि अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु एवं सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958/प्रासंगिक नियमों के प्रविधानों के अनुसार है।' हालांकि, उत्तर में पांच वर्षों में दिए विस्तार की संख्या का उल्लेख नहीं किया गया।
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