Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऑपरेशन सिंदूर में मिले 5 सबक को भूलेगा नहीं पाकिस्तान, भारत को भी इन लक्ष्यों की तरफ बढ़ाने होंगे कदम

    ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला कर आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया। पाकिस्तान ने इसे संघर्ष में बदलने की कोशिश की लेकिन भारत के रणनीतिक हमलों ने उसे शांति की अपील करने पर मजबूर कर दिया। भारत ने दुनिया को भी बड़ा संदेश दिया है।

    By Jagran News Edited By: Manish Negi Updated: Mon, 19 May 2025 03:17 PM (IST)
    Hero Image
    ऑपरेशन सिंदूर से मिले पाक को सबक (जागरण ग्राफिक्स)

    नई दिल्ली, जेएनएन। आपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारत का हमला आतंकवाद के खिलाफ एक्शन था। पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों और आम नागरिकों को निशाना बनाकर इसे दो देशों के बीच संघर्ष में बदलने का प्रयास किया। इसके बाद पाकिस्तान के रणनीतिक ठिकानों पर भारत का घातक हमला निर्णायक साबित हुआ और पाकिस्तान ने शांति की अपील की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत ने सैन्य कार्रवाई के जरिये पाकिस्तान की 20 प्रतिशत सैन्य क्षमता को तबाह करके न सिर्फ कड़ा सबक सिखाया, बल्कि संघर्ष को एक तय सीमा पर सीमित करके बेहतर समझ भी दिखाईं। चूंकि भारत को अपनी विशाल आबादी की बेहतर जीवन की आकांक्षा को पूरा करा करना है । 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य भी हासिल करना है।

    ऐसे में संघर्ष का लंबा खिंचना न सिर्फ आर्थिक रूप से खर्चीला होता, बल्कि इससे आतंकवाद का मसला नेपथ्य में चला जाता। दुनिया भारत-पाकिस्तान युद्ध की बात कर रही होती। भारत ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया है कि उसे आतंकी हमलों की कीमत इस हद तक चुकानी होगी, जो उसके लिए वहनीय नहीं होगी। संदेश दुनिया के लिए भी है कि अब भारत आतंकी हमलों पर साक्ष्यों के साथ समझाने का प्रयास नहीं करेगा। पीएम नरेन्द्र मोदी ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद से निपटने के मामले में यह नीति अव न्यू नॉर्मल है। इस संघर्ष में पाकिस्तान को सबक और भारत की बेहतर समझ़ के पहलू की पड़ताल ही आज का अहम मुद्दा है।

    स्वदेशी हथियारों ने साबित की क्षमता

    स्वदेशी हथियारों और एयर डिफेंस सिस्टम ने अपनी क्षमता साबित की है। भारत ने दुनिया को दिखाया है कि वह स्वदेशी तकनीक से नेटवर्क सेंट्रिक वारफेयर को अंजाम दे सकता और जीत सकता है। स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम आकाश हो या आकाशतीर इसके उदाहरण हैं।

    निर्यात बाजार में बढ़ानी होगी हिस्सेदारी

    वर्तमान वैश्विक अर्थव्यवस्था में 32 ट्रिलियन डॉलर का निर्यात बाजार है। ये अपने आप में बहुत बड़ा बाजार है। अगर हम चाहे तो इसमें अपनी हिस्सेदारी शेयर बढ़ा सकते हैं। वस्तुओं के निर्यात में अभी हमारी हिस्सेदारी दो प्रतिशत से कम है। इसे 4 प्रतिशत किया जा सकता है। सेवाओं के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 4 प्रतिशत है। इसमें भी ग्रोथ की अच्छी संभावना है।

    हासिल की रणनीतिक बढ़त

    भारत ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को नकारा बना कर मनचाही जगहों पर सफलता के साथ हमले किए और प्रमुख रणनीतिक ठिकानों और संपत्तियों को तबाह कर दिया। संदेश साफ है कि हमारे पास पाकिस्तान को तबाह करने की सैन्य क्षमता और आधुनिक तकनीक है। अगर जरूरत पड़ेगी तो भारत इस क्षमता का इस्तेमाल करेगा।

    पाकिस्तान को संदेश

    पाकिस्तान को संदेश है कि भारत के खिलाफ आतंकवाद प्रायोजित करने की कीमत उसके लिए बहुत महंगी पड़ेगी। अगर आतंकी ठिकानों पर हमलों के बीच में उसकी सेना आएगी, तो भारत सेना और सैनिक ठिकानों को भी तबाह करेगा। भले ही इसका नतीजा पूर्ण युद्ध ही क्यों न हो। इस बार के संघर्ष में पाकिस्तान को जिस तरह स्तर पर नुकसान हुआ है, उसे देखते हुए पाकिस्तान को भविष्य में भारत में आतंकी हमले कराने से पहले 10 बार सोचना पड़ेगा।

    विश्व के लिए संदेश

    ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने विश्व को भी संदेश दिया है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भारत सैन्य कार्रवाई के जरिये इसका जवाब देगा। भारत पाकिस्तान के न्यूक्लियर ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। भारत आतंकी हमलों के बाद विश्व को सबूतों के साथ संतुष्ट करने का प्रयास नहीं करेगा, सुरक्षा खतरों पर फैसले खुद करेगा और अपनी सुविधा के अनुसार कदम उठाएगा।

    पाकिस्तान के किसी कोने में सुरक्षित नहीं आतंकी

    पाकिस्तान के पंजाब सहित नौ आतंकी ठिकानों को तबाह करके भारत ने आतंकियों को संदेश दिया है कि वह पाकिस्तान के किसी भी कोने में सुरक्षित नहीं हैं। भारत उनको कहीं भी निशाना बना सकता है और भविष्य में भी आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों पर हमला होगा।

    विकसित भारत का लक्ष्य

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता दिवस पर देश को 2047 तक विकासशील से विकसित बनाने का लक्ष्य सामने रखा था। विकसित राष्ट्र बनने के सपने को साकार करने के लिए भारत बुलंद इरादों के साथ जुटा हुआ है। देश को आत्मनिर्भर बनाने, विकास की रफ्तार तेज करने के लिए उठाए गए कदमों के नतीजे दिखने लगे हैं। दुनिया में कई क्षेत्रों में भारत की धमक बढ़ी है। आइये जानते हैं कि विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए हमें कहां पहुंचना होगा।

    बढ़ानी होगी प्रति व्यक्ति आय

    विकसित देश बनने के लिए हमारी प्रति व्यक्ति आय करीब 12,800 या 12,900 डॉलर के आसपास होनी चाहिए। अगर हम 2022-2023 की प्रति व्यक्ति आय का आंकड़ा लेकर चलते हैं, तो ये करीब 2500 डॉलर था। इसे करीब 13 हजार और उससे ज्यादा तक पहुंचाने के लिए हमें करीब 7.6 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ रेट की जरूरत है।

    2047 तक कितनी हो जाएगी आबादी

    वर्ल्डोमीटर के अनुमान के मुताबिक, 2025 के आखिर तक भारत की आबादी 1.45 अरब-1.46 अरब हो जाएगी। वहीं, 2047 तक भारत की आबादी बढ़कर 1.61 अरब से 1.7 अरब तक होने का अनुमान जताया गया है।

    कौन से देश हैं विकसित

    किसी देश को विकसित तब माना जाता है, जब उस देश के लोगों की आय ज्यादा हो। इंडस्ट्री विकसित हो चुकी हो। वहां मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर हो। जीवन की गुणवत्ता उच्च स्तर की हो। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, आस्ट्रेलिया, जापान, कतर ऐसे ही देश हैं। 2020 में संयुक्त राष्ट्र ने 36 देशोंको विकसित देश माना था। चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है और एक अपर-मिडिल इनकम कंट्री है, लेकिन अभी भी इसके विकसित होने की राह में चुनौतियां हैं। इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने चीन को फिलहाल विकासशील देशों की सूची में ही रखा है।

    विकासशील देशों की श्रेणी में हैं ये देश

    ऐसे देशों को विकासशील की श्रेणी में रखा जाता है, जहां इंडस्ट्री और इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा हो। सामाजिक और आर्थिक सुधार हो रहे हों। हालांकि, इन देशों में लोगों का जीवन स्तर बेहद औसत होता है। आधुनिक टेक्नोलाजी की कमी होती है। इन देशों की प्रति व्यक्ति आय भी कम होती है, लेकिन ये देश तरक्की के रास्ते पर धीरे-धीरे ही सही, लेकिन आगे बढ़ रहे होते हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, 2020 तक दुनिया के 126 देश विकासशील देशों की सूची में शामिल थे। भारत इसी कैटेगरी में है। अभी भारत को विकास का लंबा सफर तय करना है।

    तलाशने होंगे रोजगार के नए मौके

    एडवांस टेक्नोलाजी में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना एक चुनौती है। इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में सुधार करने होंगे।

    (जागरण रिसर्च)