Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Operation Sindoor: पाकिस्तान ने देखी 'सिंदूर' की ताकत, 25 मिनट में आतंकियों के खात्मे की पूरी कहानी

    Operation Sindoor पहलगाम हमले का बदला! ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने PoK और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह (airstrike in pok) कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने दिया करारा जवाब। मसूद अजहर और हाफिज सईद के ठिकानों पर भी कार्रवाई। भारत ने दिखाया कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह ऑपरेशन भारत की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रमाण है।

    By ashutosh jha Edited By: Piyush Kumar Updated: Wed, 07 May 2025 05:28 PM (IST)
    Hero Image
    Operation Sindoor: भारत ने पहलगाम हमले का बदला लिया।(फोटो सोर्स: जागरण)

    आशुतोष झा, नई दिल्ली। हर सैन्य ऑपरेशन का एक नाम तो होता ही है, लेकिन आपरेशन सिंदूर का संदेश कुछ खास है। एक पखवाड़े पहले पहलगाम में पाकिस्तान पोषित आतंकियों ने जिस वीभत्सता के साथ धर्म पूछकर निर्दोष पर्यटकों की हत्या की थी और उनकी विधवाओं का सिंदूर उजाड़ा था, उसी सिंदूर ने आतंकियों के आकाओं को लाल कर दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वस्तुत: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से दिए गए इस नाम ने शुरूआत में ही ऑपरेशन से जुड़े तीनों सेना के वीर जवानों को यह स्पष्ट संदेश दे दिया था कि आक्रमण इतना सटीक और भीषण होना चाहिए कि फिर भारत में किसी के सिंदूर पर हमला करने से पहले सौ बार सोचें।

    भारत मे तो ऐतिहासिक रूप से भी सदियों तक धर्म के नाम पर सिंदूर पर हमला होता रहा था। वैसे बुधवार की सुबह कार्रवाई की ब्रीफिंग में भी दो महिला अफसरों को उतारकर यह संदेश भी दे दिया कि यहां की बहनें खुद भी सक्षम हैं।

    युद्ध को ज्यादा खींचना नहीं चाहेगा पाकिस्तान

    युद्ध की शुरूआत होती है तो दोनों ओर कुछ न कुछ नुकसान तो होना तय है, लेकिन मात्र 25 मिनट में पाकिस्तान के अंदर बैठे आतंकियों को जिस तरह उनके गढ़ में ही दफनाया गया वह केवल प्रतिशोध और सामरिक शक्ति नहीं बल्कि कुशल रणनीति और दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति से ही संभव था।

    उम्मीद जताई जा रही है भारत के संकल्प को देखते हुए पाकिस्तान भी इस युद्ध को ज्यादा खींचना नहीं चाहेगा। भारत ने पाकिस्तान के पास इसके लिए बहुत विकल्प छोड़ा भी नहीं है क्योंकि भारत की ओर से स्पष्ट किया गया है कि कोई भी हमला पाकिस्तान की सेना पर नहीं किया गया है। फिर भी पाकिस्तान जिद दिखाता है तो भारत ने हर तैयारी कर रखी है।

    विपक्ष बार-बार पूछ रहा था सवाल

    पिछले एक पखवाड़े से देश के अंदर एक तरफ जहां प्रतिशोध की ज्वाला भड़क रही थी वहीं धीरे धीरे यह चर्चा भी होने लगी थी कि पाकिस्तान को भी तैयारी का पूरा मौका मिल जाने के बाद क्या अब कोई कार्रवाई संभव होगी।

    यही कारण है कि शुरूआत मे ही सरकार के हर फैसले के साथ होने की दावा करने वाले विपक्षी दलों की ओर से इसे हवा दिया जाने लगा था। बार बार पूछा जाने लगा था कि कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है, राफेल रूपी खिलौने मे नींबू और मिर्च बांधकर उपहास उड़ाया जाने लगा था। अगर सचमुच सरकार के फैसले के साथ थे तो फिर सवाल क्यों। कार्रवाई का इंतजार क्यों नहीं।

    इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि और देर होती तो सरकार पर आतंक के सामने घुटने टेकने का आरोप लगाया जाता। वस्तुत: घरेलू स्तर पर राजनीति शुरू हो गई थी और इसका फायदा पाकिस्तान उठाने लगा था। ऐसे में यह रणनीति ही थी कि भारत ने ऐसे वक्त पर हमलाकर चौंका दिया जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदेश यह था कि अभी तैयारी चल ही रही है।

    सिर्फ गुलाम कश्मीर नहीं, पाकिस्तान की धरती पर हुआ स्ट्राइक

    वस्तुत: एक दिन बाद मॉकड्रिल और वायुसेना के युद्धाभ्यास की जानकारी दी गई थी। यह रणनीति का एक अहम बिंदु था। उड़ी के बाद सर्जिकल स्ट्राइक, पुलवामा के बाद एअर स्ट्राइक और इस बार मिसाइल स्ट्राइक वह भी न सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में(यह पाकिस्तान का अभिन्न हिस्सा नहीं है।

    पाकिस्तान के लिए यह आजाद कश्मीर है) बल्कि पाकिस्तान के अंदर भी। पाकिस्तान इससे भी सकते मे है क्योंकि उसने ऐसा सोचा नहीं था। भारतीय जवानों में यह बल है कि उसे जो काम दिया जाए वह पूरा होता है।

    लेकिन इतिहास बताया है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की बहुत अरसे तक कमी रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बार बार इस पैमाने को पार किया है। इस बार भी वही हुआ। सरकार ने जवानों को तब आगे बढ़ने को कहा जब विश्व नजरें गढ़ाए बैठा था।

    ओआइसी ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान का लिया पक्ष 

    तैयारी के क्रम में जब वैश्विक शक्तियों को विश्वास में लिया जा रहा था और हर तरफ से यह मिल भी रहा था तो भारत ने यह भी निश्चय किया कि पड़ोसी चीन से बात करने की जरूरत नहीं। तब भी नहीं जब चीन ने पाकिस्तान के समर्थन में खड़े होने का ऐलान कर दिया। तब भी नहीं जब ओआइसी ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान का पक्ष ले लिया।

    यह इच्छाशक्ति ही थी कि भारत ने तय किया कि हम प्रतिशोध लेंगे और इस संदेश के साथ कि हिंदू धर्म पूछकर गोली मारने वाले आतंकी समझ लें कि यह बर्दाश्त नहीं होगा। जिहाद भारत में नहीं चल सकता है। भारतीय सभ्यता और परंपरा में सिंदूर ताकत है। धर्म के नाम पर इस सिंदूर पर सदियों से हमला होता रहा है। इसे अपमानित किया जाता रहा है। लेकिन अब और नहीं।

    यह भी पढ़ें: India Air Strike on Pakistan: क्या पाकिस्तान पर फिर होगी एयर स्ट्राइक? मसूद अजहर, हाफिज सईद और सलाउद्दीन के नए ठिकानों की तलाश शुरू