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    Operation Sindoor: गोल्डेन टेम्पल के भीतर भी तैनात थी एयर डिफेंस गन, अधिकारी ने बताया क्यों लिया गया ऐसा फैसला?

    Updated: Tue, 20 May 2025 03:54 AM (IST)

    लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डीकुन्हा के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथी ने पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमले की आशंका के चलते सेना को मंदिर में एयर डिफेंस गन तैनात करने की अनुमति दी। स्वर्ण मंदिर की लाइटें बंद कर दी गईं ताकि दुश्मन के ड्रोनों को पहचानने में मदद मिल सके।

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    भारतीय वायु रक्षा कवच ने स्वर्ण मंदिर पर पाकिस्तान के हमले को नाकाम कर दिया। (फाइल फोटो)

    एएनआई, नई दिल्ली। भारतीय सेना के वायु रक्षा प्रभारी लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी'कुन्हा ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथी ने पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमले की आशंका को देखते हुए सेना को मंदिर के भीतर एयर डिफेंस गन तैनात करने की अनुमति दी थी।

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    दुश्मन के ड्रोनों का बेहतर ढंग से पता लगाने और उनसे निपटने के लिए इतिहास में संभवत: पहली बार स्वर्ण मंदिर की लाइटें बंद कर दी गईं। इससे भारतीय सुरक्षा बलों को दुश्मन के ड्रोनों को अधिक स्पष्ट रूप से पहचानने और उनसे निपटने में मदद मिली।

    एक विशेष साक्षात्कार में वायु रक्षा महानिदेशक ने कहा कि सौभाग्य से हमने अंदाजा लगा लिया कि वह (पाकिस्तान) क्या करने में सक्षम है। उसके पास सीमा पार कोई वैध लक्ष्य नहीं था। वह आंतरिक रूप से भ्रम और अराजकता पैदा करने में अधिक रुचि रखता था। इसलिए, हमने अनुमान लगाया कि वह हमारी नागरिक आबादी और हमारे पूजा स्थलों को निशाना बनाएगा। यह अच्छा हुआ कि स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथी ने हमें एयर डिफेंस गन तैनात करने की अनुमति दे दी। उन्होंने स्वर्ण मंदिर की लाइटें बंद कर दीं, ताकि हम ड्रोन को आते हुए देख सकें।

    पाकिस्तान के एक हजार ड्रोन हमले को विफल किया

    डी'कुन्हा ने कहा कि पाकिस्तान ने चार दिनों में पश्चिमी सीमा पर लगभग 800 से 1,000 ड्रोन से हमला किया था। लेकिन, सेना, नौसेना और वायु सेना के समन्वित प्रयासों से उसके हमले को विफल कर दिया गया। हथियार ले जाने वाले सभी ड्रोन को सफलतापूर्वक रोक दिया गया, जिससे किसी भी नागरिक को हताहत होने से बचाया जा सका। ड्रोन और मिसाइल हमलों से बचाव के लिए तीनों सेनाओं ने मिलकर काम किया।

    पूरा पाकिस्तान हमारी सीमा में

    लेफ्टिनेंट जनरल डी'कुन्हा ने कहा कि भारत के पास पूरे पाकिस्तान में किसी भी लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता है। पूरा पाकिस्तान हमारे दायरे में है। भले ही वह सेना का मुख्यालय रावलपिंडी से खैबरपख्तूनख्वा जैसे क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दे, बचने के लिए उसे गहरा गड्ढा खोजना होगा। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि भारत के पास पाकिस्तान से निपटने के लिए पर्याप्त हथियार हैं। लक्ष्य चाहे कितना भी बड़ा या छोटा हो, पूरा पाकिस्तान हमारी सीमा में है।

    गन सिस्टम अत्यंत प्रभावी साबित हुआ

    सैन्य अधिकारी ने कहा कि एल-70, जू-23 और शिल्का गन सिस्टम पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को विफल करने में अत्यंत प्रभावी साबित हुआ। डी'कुन्हा से जब पूछा गया कि कौन सी हथियार प्रणाली संघर्ष के नायक के रूप में उभरी, तो उन्होंने कहा-यह निर्विवाद है कि एयर डिफेंस गन सिस्टम बेहद प्रभावी रहा है। हमें सेना में अपने पूर्ववर्तियों को धन्यवाद देना चाहिए। अन्य देशों ने मिसाइलों के क्षेत्र में जाना शुरू कर दिया, लेकिन भारतीय सेना ने गन सिस्टम बरकरार रखा।

    हमलों से निपटने के लिए ड्रोन-रोधी अभ्यास किया

    वायु रक्षा महानिदेशक ने आधुनिक युद्ध में भारत की तैयारियों पर प्रकाश डाला। कहा कि विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ड्रोन और अन्य उन्नत तकनीकों को बेअसर करने में हम कामयाब रहे। सुरक्षा बलों ने अनुमान लगा लिया था कि पाकिस्तान हमारे खिलाफ ड्रोन का उपयोग करेगा। इससे निपटने के लिए हमने ड्रोन-रोधी अभ्यास किया था।