Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आपरेशन मिशन सागर: कोरोना से लड़ने के लिए हिंद महासागर के द्वीपों की मदद करेगा भारत

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Sun, 10 May 2020 07:40 PM (IST)

    मारीशस को 600 टन खाद्य सामग्री दी गई है और आयुर्वेदिक दवाइयों का भी एक खेप भेजा गया। हाइड्रोक्सोक्लोरोक्विन की आपूर्ति अलग से की जा रही है।

    आपरेशन मिशन सागर: कोरोना से लड़ने के लिए हिंद महासागर के द्वीपों की मदद करेगा भारत

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हिंद महासागर में स्थित छोटे-छोटे द्वीप देशों की हालत कोविड-19 की वजह से बेहद खराब होती जा रही है। ऐसे में भारत ने इन देशों के लिए और बढ़ चढ़ कर मदद करने की रणनीति अख्तियार कर ली है। मालदीव, मेडागास्कर, कोमोरॉस, सेशेल्स, मारीशस जैसे देशों की मदद के लिए विदेश मंत्रालय की अगुवाई में मिशन सागर के नाम से आपरेशन शुरु किया गया है। इन देशों को कोरोनावायरस से लड़ने के लिए जरुरी चिकित्सीय सामग्री तो दी ही जा रही है साथ ही इन्हें खाद्य सामग्री भी दी जा रही है। कुछ देशों को भारत से मेडिकल टीम भी भेजने की तैयारी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मारीशस और कोमोरॉस के लिए मेडिकल टीम में कोरोनावायरस व डेंगू से लड़ने में विशेषज्ञ हैं

    विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि मारीशस और कोमोरॉस के लिए दो मेडिकल टीम भेजी जा रही है। यह टीम कोरोनावायरस के साथ ही डेंगू से लड़ने में भी विशेषज्ञ हैं। कोमोरॉस द्वीप समूह में अभी कोविड-19 से ज्यादा डेंगू फीवर का कहर है। इन दो देशें के अलावा मेडागास्कर व सेशेल्स को कोविड-19 से लड़ाई में इस्तेमाल होने वाले चिकित्सीय सामग्री भारी मात्रा में आपूर्ति की गई है। इसमें कई तरह की दूसरी जरुरी दवाइयां भी शामिल हैं।

    मारीशस को 600 टन खाद्य सामग्री और आयुर्वेदिक दवाइयों का एक खेप भी भेजा गया

    मारीशस को 600 टन खाद्य सामग्री दी गई है और आयुर्वेदिक दवाइयों का भी एक खेप भेजा गया है। इन सभी देशों को हाइड्रोक्सोक्लोरोक्विन की आपूर्ति अलग से की जा रही है। मालदीव के लिए भारत ने पहले ही चिकित्सीय दल भेजी है जो इन्हें कोविड-19 से लड़ने के लिए रणनीति तैयार करने में मदद कर रही है।

    हिंद महासागर के छोटे-छोटे द्वीपों पर चीन ने अपना प्रभाव जमाने में कोई कसर नहीं छोड़ी

    सूत्रों के मुताबिक मिशन सागर का नाम कुछ वर्ष पूर्व पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से दिए गए सागर की अवधारणा के आधार पर रखा गया है। फरवरी, 2016 में पीएम ने एक भाषण में सिक्यूरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रिजन यानी सागर का नारा हिंद महासागर के देशों के बीच भावी रिश्तों के संदर्भ में दिया था। इसे सागर डाक्ट्राइन के तौर पर अब कूटनीतिक सर्किल में जाना जाता है। सनद रहे कि हाल के वर्षों में हिंद महासागर के इन छोटे-छोटे द्वीपों पर चीन ने अपना प्रभाव जमाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। चीन इनमें से कई छोटे द्वीपों पर अपने सैन्य अड्डे बना कर भारत को चारों तरफ से घेरने की मंशा भी रखता है।