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    बैंकों में आज बुजुर्गों का दिन, कुछ बैंक अपने ग्राहकों को भी देंगे सुविधा

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Sat, 19 Nov 2016 09:23 AM (IST)

    इंडियन बैंक एसोसिएशन के चेयरमैन राजीव ऋषि ने बताया कि 19 नवंबर को बैंकों में पुराने नोट नहीं बदले जाएंगे।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पांच सौ और एक हजार रुपये के पुराने नोट शनिवार को नहीं बदले जाएंगे। हालांकि सीनियर सिटीजन बैंक की शाखा जाकर पुराने नोट बदल सकेंगे। बैंकों ने अपने लंबित काम को निपटाने के लिए एक दिन के लिए पुराने नोट न बदलने का फैसला किया है।

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    माना जा रहा है कि सरकार आने वाले दिनों में पुराने नोट बदलने की सुविधा को बंद कर सकती है और बैंकों का यह कदम इसी दिशा में है। इस बारे में भारतीय बैंक संघ (आइबीए) ने बैंकों को निर्देश दे दिया है। वैसे कुछ बैंकों ने कहा है कि वह सिर्फ अपने ग्राहकों के नोट एक्सचेंज करेंगे।

    आईबीए के अध्यक्ष राजीव ऋषि ने कहा कि शनिवार को बैंक की शाखाओं पर पुराने नोट नहीं बदले जाएंगे। सिर्फ वरिष्ठ नागरिक अपने नोट बदल सकेंगे। उन्होंने कहा कि बैंक की शाखाओं पर शनिवार को अन्य सभी कार्य होते रहेंगे और बैंक अपने लंबित कार्यों को निपटाएंगे। इस फैसले के बारे में सरकार को भी बता दिया गया है। नोट बदलने वालों की अंगुली पर स्याही का निशान लगाए जाने के बाद बैंक के बाहर लगी कतारें 40 प्रतिशत तक छोटी हो गई हैं।

    भारतीय स्टेट बैंक की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्या का कहना है बैंकों का अनुभव यह बताता है कि लोग नोट एक्सचेंज करने के बाद अपने खाते से पैसा निकाल रहे हैं। इससे बैंकों के सामने काफी भीड़ जमा हो रही है। हम कह रहे हैं जब आपके पास बैंक खाता है तो क्यों नहीं सारा पैसा उसमें जमा कराते और फिर पैसा निकाल रहे हैं। इससे बाजार में बेमतलब के पैसे की किल्लत जैसी स्थिति पैदा हो रही है।

    इस बीच सूत्रों का कहना है कि सरकार आने वाले दिनों में पुराने नोट बदलने की सुविधा को धीरे-धीरे बंद कर सकती है। माना जा रहा है कि शनिवार को बैंकों में नोट न बदले जाने की घोषणा, इसी दिशा में कदम है। इसके पीछे एक अहम वजह रिजर्व बैंक के पास नोटों का अभाव भी है। बैंकों में जिस तरह से नए नोटों की मांग आ रही है उसे देखते हुए यह फैसला किया गया है। एक दिन पहले ही सरकार ने पुराने नोट एक्सचेंज करने की राशि की सीमा 4500 रुपये से घटा कर दो हजार रुपये कर दिया था।

    उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने की घोषणा की थी। इसके बाद सरकार ने आम लोगों को 9 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट एक बार में सिर्फ 4000 रुपये तक बदलने की इजाजत दी। बाद में सरकार ने इस सीमा को बढ़ाकर 4500 रुपये कर दिया।

    हालांकि सरकार के इस निर्णय के बाद बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगनी लगीं। सरकार को ऐसी सूचना मिली कि मात्र कुछ ही लोग बार-बार कतारों में खड़े होकर अपने नोट बदल रहे हैं जिसके चलते बहुत से ग्राहकों को बैंकिंग सुविधा नहीं मिल पा रही है। इसके बाद सरकार ने गुरुवार को नोट बदलने की सीमा घटाकर 2000 रुपये कर दी। अब कोई भी व्यक्ति एक बार में सिर्फ दो हजार रुपये ही पुराने नोट के रूप में बदल सकता है।

    'माल्या का लोन माफ नहीं हुआ'

    देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने शराब कारोबारी विजय माल्या के लोन माफी की खबर को अफवाह बताया। उन्होंने कहा कि विजय माल्या का लोन माफ नहीं हुआ है। ये रिपोर्ट झूठी है।

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