फैंटेसी गेमिंग के नाम पर सट्टेबाजी का खेल होगा बंद, लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास हुआ बिल
ऑनलाइन गेमिंग की लत से युवा पीढ़ी को बचाने के लिए सरकार मानसून सत्र में प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 लेकर आई जो राज्यसभा से भी पारित हो गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे ड्रग की तरह खतरनाक बताते हुए कहा कि सरकार कुरीतियों पर कठोर कार्रवाई करेगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऑनलाइन गेमिंग किस तरह से युवाओं को, तमाम परिवारों को बर्बाद कर रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। इस समस्या की गंभीरता को इसी आंकड़े से समझा जा सकता है कि 140 करोड़ आबादी वाले देश में लगभग 45 करोड़ लोगों को ऑनलाइन गेमिंग की लत है।
इससे होने वाला आर्थिक नुकसान भी बड़ा है और लगभग दो हजार करोड़ रुपये गंवाया जा चुका है। जबकि कई तो आत्महत्या कर करने को मजबूर हो जाते हैं। युवा पीढ़ी को इसके चंगुल से बचाने के लिए सरकार मानसून सत्र में प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 लेकर आई।
विपक्ष सदन में करता रहा शोर
लोकसभा के बाद गुरुवार को यह विधेयक राज्यसभा से भी पारित हो गया और अब राष्ट्रपति की ओर से अधिसूचना जारी करते ही यह कानून बन जाएगा। राज्यसभा में यह विधेयक केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रस्तुत किया। उपसभापति द्वारा इस महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा के लिए विपक्षी सदस्यों से भी अनुरोध किया गया, लेकिन उनका शोर एसआईआर को लेकर था।
ऐसे में केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू ने पीठ से अनुरोध किया कि विपक्ष के इस हंगामे के बीच चर्चा नहीं हो सकती, इसलिए विधेयक को पास कराने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। पीठ ने सहमति दी, तब केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने विधेयक के संबंध में अपना उत्तर सदन में रखा। उन्होंने ऑनलाइन गेमिंग की लत को ड्रग की तरह खतरनाक बताया। साथ ही कहा कि समाज में समय-समय पर कई कुरीतियां आती हैं। ऐसे परिस्थितियों में सरकार की और संसद की जिम्मेदारी बनती है कि इन कुरीतियों पर कठोर कार्रवाई करें।
मंत्री ने रखा अपना तर्क
मंत्री ने आशंका जताई कि ऑनलाइन मनी गेम्स के पीछे कई ताकतवर लोग हैं जो कोर्ट भी जाएंगे और सोशल मीडिया के माध्य से कैंपेन भी चलाएंगे लेकिन जब मध्यम वर्ग और नौजवानों के हित की जब भी बात होती है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्व और अर्थव्यवस्था को एक तरफ रखकर उससे ऊपर उठकर हमेशा मध्यम वर्ग और युवाओं के हित की बात को सुना है। आज भी ऐसा एक विषय इस सदन के सामने है।
इस दौरान हंगामा कर रहे विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस विषय पर अगर विपक्ष आज काम करता, चर्चा में भाग लेता तो हमें भी समझ में आता कि वह भी मध्यम वर्ग और युवाओं के हित की बात करते हैं, लेकिन उन्हें इस हित की कोई चिंता नहीं है। वह केवल और केवल अपनी राजनीति के उद्देश्य के लिए ही काम करते हैं।
वैष्णव ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग के तीन सेगमेंट हैं। पहला सेगमेंट ई स्पोर्ट्स है जिसमें टीम बनाकर खेलते हैं, थिंकिंग होती है और हमारे खिलाड़ी ने कई मेडल्स भी जीते हैं। इस विधेयक में उसे प्रोत्साहित किया जाएगा दूसरा सेगमेंट ऑनलाइन सोशल गेम्स है। जैसे सोलिटेयर कार्ड गेम्स, सुडोकू। उसे भी प्रमोट किया जाएगा लेकिन ऑनलाइन मनी गेम्स समाज को बर्बाद कर रहा है। उसे रोकना जरूरी है।
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