'3 साल की सजा और 1 करोड़ जुर्माना...', रियल मनी गेमिंग बनाने वालों की खैर नहीं; क्या है सरकार का नया प्लान?
Online Gaming सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को बढ़ावा देने और रियल मनी गेम पर प्रतिबंध लगाने के लिए भारतीय ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण बनाने का प्रस्ताव रखा है। यह प्राधिकरण ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को मंजूरी देगा साथ ही नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई करेगा। प्राधिकरण में सूचना एवं प्रसारण युवा मामले खेल और वित्तीय सेवाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली: सरकार ने ई-स्पोर्ट्स, डिजिटल सोशल गेम्स को बढ़ावा देने और रियल मनी गेम (आरएमजी) पर प्रतिबंध लगाने के लिए इलेक्ट्रानिक्स एवं आइटी मंत्रालय की अध्यक्षता में भारतीय आनलाइन गेमिंग प्राधिकरण बनाने का प्रस्ताव दिया है।
आनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन (पीआरओजी) अधिनियम 2025, के मसौदा नियमों के मुताबिक आनलाइन गेमिंग प्राधिकरण सूचना एवं प्रसारण, युवा मामलों, खेल और वित्तीय सेवाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्र सरकार के विभागों के साथ मिलकर काम करेगा।
कैसे काम करेगा प्राधिकरण?
मसौदे में पीआरओजी कानून के तहत ई-स्पोर्ट्स की मान्यता और प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव है, जिसका प्रशासन युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। आनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा देने से संबंधित प्रविधानों का प्रशासन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय करेगा। प्राधिकरण एक डिजिटल कार्यालय के रूप में कार्य करेगा और कुछ इस तरह के तकनीकी उपाय अपना सकता है कि किसी भौतिक मौजूदगी की जरूरत न पड़े।
प्राधिकरण का अध्यक्ष इलेक्ट्रानिक्स एवं आइटी मंत्रालय का अतिरिक्त सचिव स्तर का अधिकारी होगा। प्राधिकरण देश में कानूनी रूप से खेले जा सकने वाले ई-स्पोर्ट्स और आनलाइन सोशल गेम को मंजूरी देगा, साथ ही अधिनियम का उल्लंघन पाए जाने पर किसी भी आनलाइन सोशल गेम या ई-स्पोर्ट का पंजीकरण रद या निलंबित कर देगा।
3 साल की कैद और 1 करोड़ जुर्माना
यदि प्राधिकरण को पता चलता है कि कोई आनलाइन गेम आनलाइन मनी गेम है, तो वह आनलाइन गेम सेवा प्रदाता को तत्काल गेम की पेशकश बंद करने, विज्ञापन, प्रचार या गेम की सुविधा पर रोक लगाने और अधिनियम के तहत निर्धारित कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देगा। अधिनियम में आनलाइन मनी गेमिंग सेवाएं प्रदान करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए तीन वर्ष तक की कैद या एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
गेमिंग उद्योग ने सरकार की पहल का किया स्वागत
नोडविन गेमिंग ने प्रस्तावित आनलाइन गेमिंग प्राधिकरण के गठन का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि इस क्षेत्र के इकोसिस्टम की गहन समझ रखनेवाले लोग मार्गदर्शन के लिए आगे आएंगे। कंपनी के सह संस्थापक अक्षत राठी ने कहा कि ई-स्पोर्ट्स को युवा मामले और खेल मंत्रालय के तहत लाकर सरकार ने ढांचागत विकास के लिए एक रूपरेखा तैयार करते हुए ई-स्पोर्ट्स को एक वैध खेल के रूप में मान्यता दी है।
राठी ने कहा-
इससे जमीनी स्तर के कार्यक्रमों में तेजी आएगी, राज्य और जिला स्तरीय चैंपियनशिप के लिए दरवाजे खुलेंगे और खिलाडि़यों को पारंपरिक खेलों की तरह ही एक स्पष्ट कैरियर मार्ग मिलेगा। इसके अलावा, निवेशकों और प्रायोजको का विश्वास भी बढ़ेगा।
एस8यूएल के सह-संस्थापक और सीईओ अनिमेष अग्रवाल ने भारत के गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स उद्योग के लिए इसे ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि आधिकारिक मान्यता और स्पष्ट अंतर खिलाडि़यों, रचनाकारों, संगठनों, निवेशकों और अन्य हितधारकों को बेहद जरूरी वैधता और स्पष्टता देता है।
साइबरपावरपीसी इंडिया के सीओओ विशाल पारेख ने कहा कि गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स पर सरकार के उत्साहवर्धक फोकस से ये संकेत मिलता है कि भारत इस क्षेत्र में सांस्कृतिक और आर्थिक क्षमता को समझ रहा है।
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