भारत में पांच से नौ वर्ष के एक तिहाई बच्चों में हाई ट्राइग्लिसराइड का खतरा, हैरान कर देने वाली रिपोर्ट जारी
रिपोर्ट के अनुसार बंगाल में 67 प्रतिशत से अधिक सिक्किम में 64 प्रतिशत नगालैंड में 55 प्रतिशत असम में 57 प्रतिशत तथा जम्मू कश्मीर में 50 प्रतिशत बच्चों में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर उच्च पाया गया। केरल में 16.6 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 19.1 प्रतिशत बच्चों में ट्राइग्लिसराइड्स का उच्च स्तर मिला। हाई ट्राइग्लिसराइड से दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

पीटीआई, नई दिल्ली। देश में पांच से नौ वर्ष के एक तिहाई से अधिक बच्चों में हाई ट्राइग्लिसराइड का खतरा है। एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार बंगाल, जम्मू-कश्मीर, और पूर्वोत्तर के राज्यों में बच्चों में हाई ट्राइग्लिसराइड्स की समस्या सबसे अधिक देखी गई है। ट्राइग्लिसराइड रक्त में पाया जाने वाला वसा (फैट) है। हाई ट्राइग्लिसराइड से दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
बंगाल में 67 प्रतिशत से अधिक बच्चों में हाई ट्राइग्लिसराइड
रिपोर्ट के अनुसार बंगाल में 67 प्रतिशत से अधिक, सिक्किम में 64 प्रतिशत, नगालैंड में 55 प्रतिशत, असम में 57 प्रतिशत तथा जम्मू कश्मीर में 50 प्रतिशत बच्चों में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर उच्च पाया गया। केरल में 16.6 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 19.1 प्रतिशत बच्चों में ट्राइग्लिसराइड्स का उच्च स्तर मिला।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा 25 सितंबर को चंडीगढ़ में केंद्रीय और राज्य सांख्यिकी संगठनों (सीओसीएसएसओ) के 29वें सम्मेलन के दौरान भारत में बच्चे 2025 रिपोर्ट जारी की गई।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-21 और व्यापक राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण 2016-18 जैसे सरकारी मंत्रालयों और विभागों के माध्यम से एकत्रित आंकड़ों को इसमें संकलित किया गया।
इस रिपोर्ट के मुताबिक समय से पहले जन्म और जन्म के समय कम वजन नवजात शिशुओं में जीवन के पहले 29 दिनों में मृत्यु का सबसे आम कारण है।
जन्म के समय सांस लेने में दिक्कत (पर्याप्त आक्सीजन न मिलना), जन्म के दौरान चोट-निमोनिया क्रमश: 16 प्रतिशत और नौ प्रतिशत के साथ नवजात शिशुओं में जीवन के पहले 29 दिनों में मृत्यु के दूसरे और तीसरे सबसे सामान्य कारण हैं।
शिक्षा और विकास और बच्चों से संबंधित अपराध और बाल संरक्षण जैसे अन्य पहलुओं पर भी रिपोर्ट में डाटा संकलित किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के 63.1 प्रतिशत बच्चे और किशोर साक्षर हैं, जिसमें सात वर्ष और उससे अधिक आयु के 73.1 प्रतिशत लोग साक्षर हैं।
जानें दिल्ली-यूपी का हाल
दिल्ली में 10 प्रतिशत किशोरों को हाई ब्लड प्रेशर रिपोर्ट के अनुसार देश के लगभग पांच प्रतिशत किशोरों को उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर ) से ग्रस्त बताया है। दिल्ली में यह दर सबसे अधिक 10 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश में 8.6 प्रतिशत, मणिपुर में 8.3 प्रतिशत और छत्तीसगढ़ में सात प्रतिशत किशोरों को हाई ब्लड प्रेशर है। भारत में 16 प्रतिशत से ज्यादा किशोरों में हाई ट्राइग्लिसराइड्स होने का अनुमान है।
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