One Nation, One Election कमेटी के ऐलान के बाद पूर्व राष्ट्रपति कोविंद से मिलने पहुंचे बीजेपी अध्यक्ष नड्डा
One Nation One Election केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) के नेतृत्व में एक देश एक चुनाव के लिए एक समिति का गठन किया है। यह खबर बाहर आने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। खबर आने के बाद लोकसभा चुनाव समय से पहले होने की संभावना बढ़ गई है।
नई दिल्ली, एजेंसी। One Nation One Election को लेकर केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) के नेतृत्व में 'एक देश, एक चुनाव' के लिए एक समिति का गठन किया। यह खबर बाहर आने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की।
एक देश, एक चुनाव की बात सामने आने के बाद लोकसभा चुनाव के समय से पहले होने की संभावना बढ़ गई है। समाचार एजेंसी पीटीआई के सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि कोविंद इस बात की व्यवहार्यता और तंत्र का पता लगाएंगे कि देश कैसे एक साथ लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव कराने की स्थिति बन सकती है। साल 1967 तक एक देश, एक चुनाव होता था।
इतना घबराने की बात क्या है?
एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को कहा अभी तो समिति बनी है, इतना घबराने की बात क्या है? समिति की रिपोर्ट आएगी, फिर पब्लिक डोमेन में चर्चा होगी। संसद में चर्चा होगी। घबराने की बात क्या है? बस समिति बनाई गई है, इसका मतलब यह नहीं है कि यह कल से ही हो जाएगा।
Visuals of BJP chief JP Nadda meeting former President Ram Nath Kovind at the latter's residence in Delhi earlier today. pic.twitter.com/SadjiLU6DV
— Press Trust of India (@PTI_News) September 1, 2023
राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से सलाह ले सकते हैं कोविंद
एजेंसी ने कहा कि उम्मीद है कि कोविंद विशेषज्ञों से बात करेंगे और विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से भी सलाह ले सकते हैं। सरकार का यह फैसला 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाने के फैसले के एक दिन बाद आया है। हालांकि विशेष सत्र का एजेंडा गुप्त रखा गया है।
पीएम मोदी एक देश, एक चुनाव के प्रबल समर्थक
बता दें कि साल 2014 में केंद्र की सत्ता में आने के बाद से बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी देश में 'एक देश, एक चुनाव' करवाने के प्रबल समर्थक रहे हैं। बीजेपी कहती रही है कि चुनावी चक्र होने के कारण होने वाले वित्तीय बोझ और वोटिंग की अवधि के दौरान विकास कार्यों को नुकसान होता है।
वहीं, राष्ट्रपति रहते हुए रामनाथ कोविंद ने साल 2018 में संसद को संबोधित करते हुए कहा था, "बार-बार चुनाव न केवल मानव संसाधनों पर भारी बोझ डालते हैं बल्कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण विकास प्रक्रिया भी बाधित होती है।"