PM Awas Yojana: एक करोड़ लोगों को मिले पक्के मकान, क्या है सरकारी मकानों को भाड़े पर उठाने को योजना का हाल
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में अब तक एक करोड़ परिवारों के लिए एक करोड़ पक्के आवास तैयार हो चुके हैं। यही नहीं सात वर्ष पहले शुरू हुई इस आवासीय योजना में लगभग ढाई करोड़ लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है।
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। 'हर गरीब को पक्का मकान' के लक्ष्य को पूरा करने वाली प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में अब तक एक करोड़ परिवारों के लिए एक करोड़ पक्का आवास तैयार हो चुका है। जबकि 60 लाख शहरी गरीब अपने पक्के मकानों में रहने भी लगे हैं। शहरों में खाली पड़े सरकारी मकानों को भाड़े पर उठाने की योजना भी परवान चढ़ने लगी है। इसके तहत आधा दर्जन राज्यों के छोटे-बड़े शहरों में ऐसे मकानों को किराये पर आवंटित करने का कार्य तेज कर दिया गया है।
ढाई करोड़ लोगों को प्राप्त हुआ रोजगार
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक सात वर्ष पहले शुरू हुई इस आवासीय योजना में लगभग ढाई करोड़ लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। योजना की सातवीं वर्षगांठ पर आयोजित 'खुशियों का आशियाना' में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से 'सबको घर' देने के लक्ष्य को समय पर पूरा करने का आग्रह किया है।
सवा करोड़ पक्का आवास बनाने का लक्ष्य
शहरी विकास सचिव मनोज जोशी ने वर्चुअल कार्यक्रम में सभी पक्षकारों से योजना की सफलता के लिए एकजुट प्रयास करने की अपील की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम आवास योजना (शहरी) को 25 जून 2015 को लांच किया था, जिसमें शहरी गरीबों के लिए कुल सवा करोड़ पक्का आवास बनाने का लक्ष्य है। योजना पर कुल 8.31 लाख करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
तकरीबन ढाई करोड़ रोजगार सृजित किए गए
अब तक लगभग एक करोड़ मकान बनाए जा चुके हैं जबकि 61 लाख मकानों का आवंटन शहरी गरीबों को किया जा चुका है। शहरी विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक शहरी गरीबों को पक्का मकान देने की योजना में तकरीबन ढाई करोड़ रोजगार सृजित किए गए हैं। जबकि पीएम आवास योजना (शहरी) में सवा चार करोड़ टन सीमेंट और 96 लाख टन स्टील की खपत हो चुकी है।
अत्याधुनिक टेक्नोलाजी का प्रयोग
इन मकानों के निर्माण में काम आने वाले मैटीरियल्स के उत्पादन में भी लोगों को रोजी रोजगार प्राप्त हो रहा है। पीएम आवास योजना (शहरी) का विस्तार वर्ष 2024 तक कर दिया गया है। निर्धारित अवधि तक योजना के लक्ष्य को प्राप्त कर लेने का संकल्प लिया गया है। बदलते वक्त के साथ बढ़ती महंगाई के मद्देनजर पीएम आवास योजना (शहरी) में अत्याधुनिक टेक्नोलाजी का प्रयोग किया जा रहा है।
आपदा में न्यूनतम क्षति
ग्लोबल हाऊसिंग टेक्नोलाजी चैलेंज इंडिया के तहत योजना में ऐसी तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है जो रियायती होने के साथ मजबूत और किसी आपदा में न्यूनतम क्षति वाला साबित होगा। तमिलनाडु राज्य में इन आधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है।
भाड़े पर उठाने वाली योजना का हाल
रिक्त पड़ी सरकारी इमारतों को आवास में तब्दील कर उन्हें जरूरतमंदों को भाड़े पर उठाने वाली योजना गुजरात, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान के विभिन्न शहरों समेत चंडीगढ़ में योजना की रफ्तार बहुत तेज है। यहां की सरकारी इमारतों को आवास में बदलने के लिए लगभग 180 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी गई है। जबकि तमिलनाडु के तिरुपेरुंबुदुर में लगभग 23 हजार ऐसे आवास तैयार कर लोगों को किराए पर दे दिए गए हैं।