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    यूं ही नहीं देश का 22वां राज्य बना सिक्किम, 28 साल के लंबे संघर्ष के बाद हुआ विलय; बेहद दिलचस्प है इसकी कहानी

    Today’s History 28 सालों के लंबे संघर्ष के बाद 26 अप्रैल 1975 में सिक्किम को भारत का 22वां राज्य घोषित किया गया था। हालांकि इसको लेकर चीन ने भारत के खिलाफ रहा और आज भी दोनों देशों के बीच इसकी सीमा को लेकर विवाद होता रहता है।

    By Shalini KumariEdited By: Shalini KumariUpdated: Wed, 26 Apr 2023 05:00 AM (IST)
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    26th April 1974 History: Sikkim became the 22nd state of India

    नई दिल्ली, शालिनी कुमारी। बात जब देश के खूबसूरत राज्यों की हो, तो ऐसे में सिक्किम का नाम न आए ऐसा हो ही नहीं सकता। यहां की खूबसूरत हरी-भरी पहाड़ियां, पेड़-पौधे, जैव-विविधता और पारंपरिक धरोहर देखते ही बनते हैं।

    हालांकि, काफी संघर्ष के बाद सिक्किम का भारत में विलय हुआ था। इतिहास में 26 अप्रैल की तारीख कई कारणों से काफी महत्वपूर्ण है, उन्हीं में से एक कारण है सिक्किम का भारतीय गणराज्य में शामिल होना।

    बेहद दिलचस्प है सिक्किम के भारत में विलय की कहानी

    दरअसल, आज ही के दिन सिक्किम को भारत का 22वां राज्य बनाया गया था। सिक्किम में भारत में विलय होने की कहानी बड़ी दिलचस्प है, जिसमे राजनीती, कूटनीति और बलनिति जैसी महत्वपूर्ण तीनों नीतियां शामिल है। इसको लेकर चीन ने काफी आपत्ति जताई थी, यहां तक कि आज भी चीन और भारत के बीच इसकी सीमा को लेकर विवाद चलता रहता है।

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    आजादी से पहले ब्रिटिश सरकार ने सिक्किम को दी स्वायत्ता

    भारत की आजादी से पहले ही सिक्किम को ब्रिटिश शासन के दौरान ही स्वायत्ता मिल गई। इसके बाद जब देश अंग्रेजों के शासन से मुक्त हुए, तो सिक्किम और भारत के बीच संधि हुई। इसके बाद 1963 में ताशी नामग्याल की मृत्यु हो गई और उनके बेटे पाल्डेन थोंडुप नामग्याल उनके उत्तराधिकारी बने।

    1973 में शुरू हुआ व्यापक आंदोलन

    1970 की शुरुआत तक राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल मची रही, जिसके कारण वहां की जनता ने राजशाही को हटाने और लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्थापना की मांग तेज कर दी। अंत में 1973 में सिक्किम दरबार के खिलाफ व्यापक रूप से आंदोलन शुरू हो गया।

    भारतीय सैनिकों ने की राजमहल की घेरेबंदी

    6 अप्रैल, 1975 की सुबह 5,000 भारतीय सैनिकों ने सिक्किम के राजा चोग्याल के महल पर धावा बोल दिया। उस दौरान राजमहल में मात्र 243 सिपाही मौजूद थे। इन सभी सिपाहियों पर काबू पाने के लिए भारतीय सैनिकों को सिर्फ 30 मिनट लगे थे।

    राजा चोग्याल को महल में ही नजरबंद कर दिया गया। भारत सरकार ने मुख्य प्रशासक श्री बी.एस.दास की नियुक्ति करके राज्य में समानता लाने की कोशिश की।

    जनमत संग्रह में 97.5 फीसदी मिला वोट

    बी.बी.लाल सिक्किम के पहले गवर्नर थे, उनके और चोग्याल के बीच कई बार टकराव हुए। सिक्किम में कराए गए जनमत संग्रह में 97.5 फीसदी लोगों ने भारत के साथ जाने की वकालत की। इसके बाद सिक्किम को भारत का 22वां राज्य बनाने के लिए संविधान का 36वां संशोधन विधेयक लोकसभा में 23 अप्रैल, 1975 को पेश किया गया। उसी दिन इसे 299-11 के मत से पास कर दिया गया।

    16 मई, 1975 को पूर्ण रूप से बना देश का 22वां राज्य

    लोकसभा में स्वीकृति मिलने के बाद यह बिल राज्यसभा में पेश किया गया और 26 अप्रैल को पास हुआ। 15 मई, 1975 को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इस बिल पर हस्ताक्षर कर दिए। इसके साथ ही, वहां पर नाम्ग्याल राजवंश का शासन समाप्त हो गया। इस तरह 16 मई, 1975 को सिक्किम भारतीय संघ का पूर्ण 22 वां राज्य बन गया।

    चीन ने हमेशा से किया विरोध

    हालांकि, सिक्किम का भारत में विलय होने का सफर इतना आसान नहीं था। चीन और नेपाल ने इसका पुरजोर विरोध किया था, जिसकी वजह से भारत को काफी इसके विलय के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। चीन ने सिक्किम के भारत में विलय को लेकर काफी विरोध किया। यहां तक कि आज भी भारत और चीन के बीच इसकी सीमा को लेकर विवाद होता है।

    डोकलाम सीमा को लेकर विवाद

    यह  सीमा विवाद भारत-भूटान और चीन सीमा के मिलान बिंदु से जुड़ा है। सिक्किम में भारतीय सीमा से डोकलाम पठार सटा हुआ है, जहां पर चीनअपने सड़क का निर्माण करना चाहता है। इसी डोकलाम सीमा का कुछ हिस्सा भूटान में भी पड़ता है।