On This Day: 41 साल पहले भारत में आज ही के दिन रंगीन हुआ था टेलीविजन, जानिए कितने रुपए का था पहला कलर टीवी
On This Day आज के समय में दुनिया के हर घर में आपको टेलीविजन मिल जाएगा। जिसमें हजारों मनोरंजन के चैनल शामिल हैं। घर की महिलाओं से लेकर बच्चे बुजुर्ग टेलीविजन देख अपना मनोरंजन करते हैं। आइए जानते हैं कि कब शुरू हुआ था रंगीन टेलीविजन का भारत में सफर...

नई दिल्ली। On This Day: आज देश में हजारों मनोरंजन के चैनल उपलब्ध हैं। टेलीविजन एक लंबा सफर तय कर आज इस मुकाम पर पहुंचा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दूरदर्शन आज ही के दिन पहली बार ब्लैक एंड व्हाइट (श्याम-श्वेत) से रंगीन हुआ था, कलर टीवी आने के बाद तो मनोरंजन की दुनिया ही बदल गई थी। लोगों में टीवी खरीदने के लिए होड़ सी लग गई थी, कुछ लोगों के लिए टीवी मनोरंजन का साधन था, तो कुछ के लिए स्टेटस सिंबल बन।
वहीं, भारत में 25 अप्रैल 1982 को पहली बार टीवी पर रंगीन प्रसारण (Color Broadcast) शुरू किया गया था। इसकी शुरुआत तब के मद्रास और आज के चेन्नई से हुई थी। भारत में टेलीविजन (TV) की शुरुआत 15 सितंबर, 1959 में दिल्ली से हो चुकी थी, लेकिन रंगीन टीवी ने लोगों के बीच दूरदर्शन (Doordarshan) का क्रेज बढ़ा दिया था।
समृद्ध लोगों के लिए कलर टीवी एक स्टेटस सिंबल बन गया था। वहीं, आज के समय में दूरदर्शन 2 नेशनल और 11 रीजनल चैनल के साथ कुल 21 चैनलों का प्रसारण करने वाला देश का सबसे बड़ा नेटवर्क है। दूरदर्शन देश के दूर-दराज के इलाकों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए 1,416 ट्रांसमिशन केंद्र और कार्यक्रम निर्माण के लिए 66 स्टूडियो के साथ काम कर रहा है।
भारत ने की एशियाई खेलों की मेजबानी
भारत ने नवंबर, 1982 में एशियाई खेलों की मेजबानी की और सरकार ने खेलों का रंगीन प्रसारण किया था। इसके बाद 1980 के दशक को दूरदर्शन का युग कहा जाता है। इस दौरान हम लोग (1984), बुनियाद (1986-87), रामायण (1987-88) और महाभारत (1988-89) जैसे धारावाहिकों का प्रसारण किया गया।
1965 में शुरू हुआ था हर रोज प्रसारण
BBC ने टीवी के इतिहास में पहली सेवा 1936 में शुरू की थी। इसके दो दशक बाद भारत में यूनेस्को की मदद से टीवी प्रसारण शुरू किया गया।
शुरुआत में हफ्ते में 2 दिन 1-1 घंटे के लिए कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता था, जिनमें सामुदायिक स्वास्थ्य, यातायात, नागरिकों के अधिकार और कर्तव्य जैसे विषय शामिल रहते थे। दूरदर्शन का रोजाना प्रसारण 1965 में शुरू हुआ। दूरदर्शन 1975 तक सिर्फ 7 शहरों में सीमित था।
अब भारत की 90 फीसदी से ज्यादा आबादी दूरदर्शन के कार्यक्रम देखती है। आज दूरदर्शन 2 राष्ट्रीय और 11 क्षेत्रीय चैनल के साथ कुल 21 चैनल का प्रसारण करता है। यह 1,416 जमीनी ट्रांसमीटर और 66 स्टूडियो के साथ देश का सबसे बड़ा प्रसारणकर्ता है।
कृषि दर्शन देश में सबसे लंबा चलने वाला दूरदर्शन का कार्यक्रम है। रंगीन प्रसारण शुरू होने के 6 महीने के अंदर कलर्ड टीवी की डिमांड़ बढ़ गई और सरकार ने 50 हजार टीवी सेट आयात किए।
टीवी कर चुका करीब 96 साल का सफर
अब टीवी का सफर करीब 96 साल पुराना है। 9 दशक पहले कभी भारी-भरकम डिब्बे के रूप में दिखने वाला बॉक्स आज हमारे बोलने भर से ही चैनल बदल देता है। साल 1924 में बक्से, कार्ड और पंखे के मोटर से तैयार हुए टीवी से लेकर स्मार्ट टीवी के बदलाव का सफर काफी दिलचस्प है।
टेलीविजन के आविष्कारक जॉन लोगी बेयर्ड बचपन में अक्सर बीमार रहने के कारण स्कूल नहीं जा पाते थे। स्कॉटलैंड में 13 अगस्त 1888 को जन्मे बेयर्ड को टेलीफोन से बहुत लगाव था। बेयर्ड सोचते थे कि एक दिन लोग हवा के जरिए तस्वीरें भेज सकेंगे।
बेयर्ड ने 1924 में बक्सा, बिस्किट के टिन, सिलाई की सुई, कार्ड और बिजली के पंखे से मोटर का इस्तेमाल कर पहला टेलीविजन बनाया था। वहीं, टीवी के रिमोट कंट्रोल का आविष्कार 1915 में शिकागो में जन्मे यूजीन पॉली ने किया था।
पहला विज्ञापन अमेरिका में हुआ प्रसारित
पॉली जेनिथ इलेक्ट्रॉनिक में काम करते थे। 1950 में रिमोट कंट्रोल वाला पहला टीवी बाजार में आया था, इसका रिमोट तार के जरिए टीवी सेट से जुड़ा होता था। पूरी तरह से वायरलेस रिमोट कंट्रोल वाले टीवी की शुरुआत 1955 में हुई थी।
दुनिया का पहला विज्ञापन 1 जुलाई, 1941 को अमेरिका में प्रसारित किया गया था। यह विज्ञापन घड़ी बनाने वाली कंपनी बुलोवा ने दिया था। इसे एक बेसबॉल मैच के पहले WNBT चैनल पर दिखाया गया था।
महज 10 सेकंड के इस विज्ञापन के लिए घड़ी कंपनी ने 9 डॉलर का भुगतान किया था। इसे विज्ञापन में बुलोवा कंपनी की घड़ी को अमेरिका के मैप के साथ रखकर दिखाया था। मैप पर रखी इस दीवार घड़ी की तस्वीर के साथ कंपनी का स्लोगन अमेरिका रन्स फॉर बुलोवा टाइम की आवाज दी गई थी।
इतने रुपए का था पहला कलर टीवी
पहला कलर्ड टीवी सेट मार्च 1954 में वेस्टिंगहाउस ने बनाया था। इसकी कीमत करीब 6,200 रुपए थी जिसके इसे कारण ये आम लोगों की पहुंच से बाहर था। कुछ समय बाद अमेरिकन इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी RCA ने कलर टीवी CT-100 पेश किया। इसकी कीमत करीब 5 हजार रुपए थी। कंपनी ने इसके 4 हजार यूनिट तैयार किए थे।
इसके बाद अमेरिकन कंपनी जनरल इलेक्ट्रॉनिक्स ने अपना 15 इंच का कलर टीवी पेश किया, जिसकी कीमत करीब 5 हजार रुपए रखी गई थी। इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग के छात्र बी. शिवाकुमारन ने चेन्नई में एक प्रदर्शनी में पहली बार टीवी पेश किया था। यह एक कैथोड-रे ट्यूब वाला टीवी था। हालांकि, इससे जरिए ब्रॉडकास्ट नहीं किया गया, लेकिन इसे भारत के पहले टीवी के तौर पर पहचान मिली थी।
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