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अयोध्या पर फैसले से पहले कानून व्यवस्था दुरुस्त रहने का भरोसा मांग रही याचिका खारिज

अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर सरकार और एजेंसियों से कानून व्यवस्था का भरोसा लिये जाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 23 Nov 2018 12:24 AM (IST)Updated: Fri, 23 Nov 2018 12:24 AM (IST)
अयोध्या पर फैसले से पहले कानून व्यवस्था दुरुस्त रहने का भरोसा मांग रही याचिका खारिज

 नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर फैसला देने से पहले सरकार और संबंधित एजेंसियों से किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए जरूरी तैयारी और चाक चौबंद कानून व्यवस्था का भरोसा लिये जाने की मांग वाली याचिका गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। यह याचिका वकील बंकिम कुलश्रेष्ठ ने दाखिल की थी।

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 मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, केएम जोसेफ और एमआर शाह की पीठ के सामने जैसे ही याचिकाकर्ता वकील ने माई लार्ड विद ड्यू रिस्पेक्ट के साथ बहस शुरू करते हुए अपनी मांग रखनी चाही कि तभी मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि विद ड्यू रिस्पेक्ट आप अपनी याचिका में की गई मांग को देखें यह किस तरह की मांग है। कोर्ट ने सुनवाई करने के बाद याचिका खारिज कर दी।

याचिकाकर्ता बंकिम कुलश्रेष्ठ का कहना था कि उनकी मांग के मुताबिक फैसले से पहले प्रशासन को किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार होना चाहिए ताकि फैसले के बाद कोई अप्रिय घटना या जानमाल की हानि न हो। उसकी याचिका में यही मांग की गई थी कि केन्द्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह सुनिश्चित करे कि जब अयोध्या मामले में फैसला सुरक्षित हो, उस समय सभी संबंधित एजेंसी और सरकार कोर्ट को यह भरोसा दिलाए कि उसके पास किसी भी स्थिति से निपटने की योजना है और जरूरत पड़ने पर उसे लागू किया जाएगा ताकि फैसले के बाद कोई जानमाल की हानि न हो। लेकिन कोर्ट याचिका में की गई मांग और उसके पीछे दिये गए आधारों से सहमत नहीं हुआ और याचिका खारिज कर दी।


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