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    Odisha Train Tragedy: रेलवे के सभी जोन में एक हफ्ते तक चलेगा सुरक्षा अभियान, सिग्नल प्रणाली की जांच का निर्देश

    By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Mon, 05 Jun 2023 09:28 PM (IST)

    रेलमंत्री के निर्देश के बाद रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (सुरक्षा) तेज प्रकाश अग्रवाल ने सभी रेलवे जोनों को निर्देश दिया है कि वह अपने स्टेशन की सीमा के भीतर गुमटियों पर हाउसिंग सिग्नल प्रणाली की जांच करें।

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    सभी रेलवे जोनों को अपने स्टेशन की सीमा में सिग्नल प्रणाली की जांच का निर्देश-

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ओडिशा के बालेश्वर में ट्रेन हादसे की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के कुछ घंटे के भीतर ही रेलवे ने अपने तंत्र को सुरक्षित करने की दिशा में पहल कर दी है। इसके तहत रेलवे के सभी 19 जोनों में एक सप्ताह तक सघन सुरक्षा अभियान चलाया जाएगा। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस अभियान को तत्काल प्रभाव से चलाने का निर्देश दिया है।

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    हाउसिंग सिग्नल प्रणाली की जांच का भी निर्देश

    बालेश्वर में शुक्रवार को हुए ट्रेन हादसे में 275 लोगों की मौत मामले में इंटरलाकिंग सिस्टम में छेड़छाड़ के संदेह के बाद ही सीबीआई को जांच सौंपी गई है। रेलमंत्री के निर्देश के बाद रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (सुरक्षा) तेज प्रकाश अग्रवाल ने सभी रेलवे जोनों को निर्देश दिया है कि वह अपने स्टेशन की सीमा के भीतर गुमटियों पर हाउसिंग सिग्नल प्रणाली की जांच करें।

    इन चीजों का रखा जाएगा ध्यान

    इस दौरान सुनिश्चित करें कि डबल लाकिंग व्यवस्था अच्छी तरह से काम कर रही है या नहीं। साथ ही स्टेशनों के सभी संचारित कमरों (रिले रूम) की भी समुचित तरीके से परीक्षण करें कि सिग्नल सिस्टम की डबल लाकिंग व्यवस्था में कोई खामी तो नहीं है। रिले रूम में प्रवेश को लेकर खासी सख्ती और सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।

    क्या है रिले रूम का सिस्टम?

    दरअसल रिले रूम से सिग्नल सिस्टम को संचालित किया जाता है। यह रूम दो चाबी से खुलता है। एक चाबी स्टेशन मास्टर और दूसरी चाबी सिग्नल मास्टर (जेई) के पास होती है। जब भी रिले रूम का लाक खोला या बंद किया जाता है तो नामित अधिकारियों को एसएमएस अलर्ट भेजा जाता है।हादसे से सबक लेते हुए रेलवे ने सुपर जांच अभियान के तहत सभी 19 जोनों में सुरक्षा की स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया है।

    इस दौरान रेल अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में रेल यातायात एवं पटरियों से संबंधित सभी तरह की कमियों, जटिलताओं एवं अनियमितताओं की पड़ताल करने के लिए कहा गया है। साथ ही उन्हें रिकार्ड में भी शामिल करके रेलवे बोर्ड को 14 जून तक रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।

    सामान्य हो रही व्यवस्था: रेल मंत्री

    रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि हादसे के 51 घंटे के भीतर ही यातायात सुविधा बहाल होने के बाद से अभी तक इस ट्रैक से 50-60 ट्रेनें गुजर चुकी हैं। रविवार की देर रात उक्त पटरियों से मालगाड़ी गुजारी गई थी। इसके बाद बहुत तेजी से आपरेशन चलाया गया। अब स्थिति सामान्य हो रही है। रेलवे के कर्मचारी प्रभावित इलाकों में पहुंचकर संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।